Engineering~parkticl

मापन

practical -1

12/4/2021

हमे मापन की जरूरत कहा कहा पड़ती हैं

  1. किराने की दुकान में
  2. सब्जी मंडी
  3. जमीन का मापन

मापन की दो प्रमाणीकरण ही गुणात्मक और संख्यात्मक और फिर सेंटीमीटर से मिलीमीटर में बदलना बताया गया

50.4सेंटीमीटर =504 मिलीमीट

50.4÷100=0.504m सेटिमिटर

और फिर सेटिमीटर से फुट में केसे बदलना है बताया गया

50.4=50.4÷30.48= 1.65 फुट

क्षेत्रफल/आयतनचापशॉप मसीन

practical – 2

आज क्लास मे क्षेत्रफल

ऐसा आकार जिसकी पूरी जानकारी के लिए तीन परिमाण प्राप्त होते हैं उदाहरण गेंद, घन, कोन इत्यादि एक आयत की चौड़ाई 10cm और ऊंचाई 5cm हे तो क्षेत्रफल कितना हुआ

क्षेत्रफल = चौड़ाई * ऊंचाई = 10 cm *5 cm = 50 cm

300mm *228=68400

68400=6840=684cm=684=6.84=0.0684

लिस्ट काउंट ____ मापन का करण कम से कम जितना मापन कर सकता है उसको मापन उपकरण का लिस्ट काउंट कहते हैंं

उदाहरण + (42*0.02)

=6+0.84=6.84mm

और उसके बाद हम वर्कशॉप में गए और मेजर टेप करके लोहे को कैसे काटना है सीखा चापशॉप मसीन से केसे काटते हैं सीखा और हमें वर्कशॉप में जाते समय कार्य करते समय कैसे सावधानियां रखनी चाहिए जैसे जो लोहे से हमने मेजर करके काटा तो हमें मशीन चलाते समय सूज गाल्फ्स गोगल पहनना जरूरी है

वेल्डिंग

practical – 3

आज क्लास में हमने सबसे पहले बिल्डिंग के बारे में सिखा फ्यूजन वेल्डिंग नान फ्यूजन वेल्डिंग और वेल्डिंग करना सीखा और आप कैसे तैयार करते हैं सीखा

आर्क कैसे तैयार करते है______ विद्युत आर्क या ( electric arc या arc discharge) गैस का विद्युत भजन जिससे लगातार विद्युत विसर्जन होता रहता है हवा आदि जो चालक माध्यम हैं उनके भजन से प्लाज्मा पैदा होता है प्लाज्मा से दृश्य प्रकाश निकलता है आग निकलने के बाद वोल्टेज कम हो जाता है तथा यह वोल्टेज ग्लो विसर्जन कम हो जाता है तथा यह वोल्टेज ग्लो विसर्जन के लिए आवश्यक वोल्टता से कम होता है

और वेल्डिंग करते समय हमें कई प्रकार की सावधानियां रखनी पड़ती है जैसे, हेलमेट ,और हैंड ग्लफस, शूज ,पहनना आवश्यक ही होता है तो हमें उसका ध्यान रखना चाहिए की हम वेल्डिंग पूरी सावधानी से करें ताकि हमें कोई हानि न पहुंचे

आज क्लास में सबसे पहले हम नहीं दो दो ग्रुपों में बांटा गया और बोला कि जो तुम बनाना चाहते हो और उसका डिजाइन भी तैयार करना था जैसे हमने चप्पल स्टैंड बनाने के लिए बोला तो हमने उसके लिए सबसे पहले डिसाइड किया कि उसकी लंबाई और चौड़ाई और ऊंचाई कितनी रखेंगे फिर उसके बाद हम लोहे के टुकड़े नहाने गए जिससे हमें चप्पल स्टैंड बनाना था तो हमने 30 sm के 8 एंगल लिए और 25 cm के 8 एंगल लिए पहले हमने इन एंगलो को अच्छे से कांटा और उसके बाद हमें बेंच ग्राइंडर के बारे में बताया गया कि उसके ऊपर कैसे एंगल को ग्राइंड करते हैं यह बताया गया आज हमने पूरा यही काम किया

26/4/2021

आज सुबह पहले स्टोरी थी स्टोरी खत्म होने के बाद काम दिए गए कियोकि आज वर्क एक्सपीरियंस डे था तो मैं कंप्यूटर क्लास में गए और जो मेरा ppt का काम था वह किया उसने मैंने फोटो डाली यह मैंने खुद से ही सीखा पहले मुझे समझ नहीं आ रहा था कि कैसी डाली है पर जब मैंने बार-बार किया तो मेरे मुझे वह समझ आ गया और मैंने फोटो डाली उसके बाद ड्राइंग की क्लास थी आज ड्राइंग की क्लास में समझ ही नहीं आ रहा था कि कैसे बनाऊं फिर मैं उसको आधा ही बना पाई समझ ही नहीं आ रहा था फिर भी मैने वो बनाया

3/5/2021

आज सबसे पहले स्टोरी की उसके बाद में स्विंग लैक्मे गई क्योंकि आज वर्क एक्सपीरियंस डे था तो मैंने बैग बनाने के लिए बोला था और मैंने लेडीस बैग बनाया यह बैग मैने वेस्ट कपड़े से बनाया

CO2 welding machine

practical – 4

4/5/2021

इसके बाद हम क्लास में गए और हमें सबसे पहले gmaw ( गैस मेटल आर्क वेलडिग ) के बारे मे बताया गया कि इसे कैसे चालू करते हैं और इसमें हम कौन सी गैस का प्रयोग करते हैं इसमें हम CO2 का प्रयोग करते हैं जोकि वेल्डिंग की सुरक्षा करती है उसके बाद हमने भी प्रैक्टिकली रूप में वेल्डिंग की और उसके बाद हाय। स्पीड स्टील के बारे में बताया गया और उसके बाद ड्रिलिंग मशीन के बारे में बताया गया कि यह कैसे काम करते हैं और हम इसका प्रयोग कहां-कहां करते हैं उसके बारे में बताया गया तो इसका प्रयोग हम अक्सर छेद करने के लिए करते हैं उसके बाद हमने प्रैक्टिकल किया और एक लोहे के इसमें छेद किया

Threding

practical – 5

5/5/2021

उसके बाद हम क्लास में गए आज हमने प्रैक्टिकल करना था जिसका लेक्चर पहले हो चुका था (चूड़ी थ्रेड )इस प्रैक्टिकल को करने के लिए हमने सबसे पहले एक पटा लिया उसको 5 सेंटीमीटर काटा और फिर उसके बाद उसमें कॉलम ड्रिलिंग मशीन से छेद किया पहले हमें मशीन के बारे में बताया गया कि यह चालू कैसे होती है और इसका इस्तेमाल कैसे करते हैं बताया गया छेद करने के बाद हमने पहले टपिंग की और उसके बाद फिर थ्रेडिंग किया और वह अच्छे से बन गया

6/5/2021

आज मैं कंप्यूटर क्लास गई और मैंने वीडियो एडिटिंग के बारे में सीखा कि हम ऑनलाइन वीडियो कैसे निकाल सकते हैं और उसकी एडिटिंग कैसे कर सकते हैं और उसके बाद मैंने अपना ब्लॉक मरा और उसके बाद इलेक्ट्रिकल क्लास में सर ने हमें इलेक्ट्रिकल जानकारी दी और उसके बाद मैंने सिवीग लेब में काम किया

7/5/2021

आज वर्क एक्सपीरियंस डे था तो मैंने सिविग लेब में काम किया और मैंने आज मोबाइल का कवर बनाया मोबाइल रखने के लिए और उसके बाद एक छोटा सा बैग ही बनाया छोटा मोटा सामान रखने के लिए जिसमें कि हम अपने कई सारी चीजें रख सकते हैं यह सब मैंने वेस्ट कपड़ो से बनाया वेस्ट कपड़ो से हम कई ऐसी चीजें बना सकते हैं जो हम अपने उपयोग में ला सकते हैं

Structure of bricks

practical – 5

13/5/2021

ईटों की संरचना

  1. स्ट्रेचर बॉड __ स्ट्रेचर बॉड में ईट आड़ी रखी जाती हैं
  2. इंग्लिश बॉड ___ ईट 1 लाईन में स्ट्रेचर और दूसरी लाइन में हेडर बॉड में बारी _बारी से रखी जाती हैं
  3. हेडर बॉड __ ईट की चोरस बाजू बाहर की दिशा में होती हैं
  4. फ्लेमिस बॉड __ एक ही लाइन में स्ट्रेचर और हेडर को बारी __ बारी। रखा जाता है

ये आज हमें पेरेक्टिकल किया जिसमें हम अलग अलग सरचनाये बनाए ईट की

14/5/2021

आज हमारा ईट कैसे बनाते है इसका पेरेक्टिक्ल हुआ तो हमने पहले उसको बनाने के लिए मटेरियल जमा किया उसके बाद काम शुरू किया

  1. पहले बजरी ली और फिर सीमेंट और पानी फिर इसका मिसरन बनाया और जिससे ईट बनाते हैं जो इसको बनाने का होता है वो मिसरण उसमे डाला और फिर उसके बाद सर ने हमें इसके बारे में बताया

16/5/2021

आज हमे प्रोजेक्ट के बारे मे बताया गया प्रोजेक्ट में क्या लिखना जरूरी है और उसमे क्या क्या करना होता हैं ये बताया गया जैसे सीपीएम चार्ट और आकृति ,मापन ,कास्टिग ,मटेरियल जमा करना ये सब आज बताया गया मेने चप्पल स्टैंड बनाने का प्रोजेक्ट लिया

17/5/2021

हमने आज चप्पल स्टैंड की पहले आकृति बनाई उसका डिजाइन किया केसे बनायेगे उसके बाद ये देखा की उसमे कितने लोहे के पट्टे लगे और उनकी लंबाई ,चौड़ाई ,ऊंचाई , क्या होगी इसके बारे में देखा और फिर उसके बाद मटेरियल जमा किया

18/5/2021

आज जो हम पेरेक्टिकल किया उसका टॉपिक था एलटी ज्वाइंट आज हम इसका पेरेक्टिकल किया इसमें सबसे पहले हमने इसमें जो मेटेरियल लिया लकड़ी , आरी, घासनी और आदि

  1. एक लकड़ी ली और उसका जो वेस्ट भाग था उसको आरी से अलग कटा
  2. फिर उसके बाद उसके दो टुकड़े किए और उसको अच्छे से छिल लिया ।
  3. उसके बाद दोनो के सेंटर भाग में टीक मार्क किया और उतने उतने में दोनो को काटा थकी जो हम एलटी ज्वाइंट अच्छे से बने
  4. उसके बाद जब वो अच्छे से छेद हो गया तो उसमे उसका दूसरा भाग डाल दिया और एलटी ज्वाइंट बन गयाा
  • टी-चढ़ाव जोड़ (T-lap-Joint):- इस टी-अर्ध जोड़ भी कहते हैं। लकड़ी के एक भाग के बीच में तथा दूसरे भाग के एक सिरे को आधा काटकर आपस में जोड़ दिया जाता है।2
  • सर ने हमको जोड़ के बारे में बताया
  • सबसे पहले हमने 2 लकड़ी के टुकड़े लिए
  • पहली लकड़ी के के बीच में हमने एक छेद किया
  • और दूसरी लकड़ी के के सिरे को जितना पहली लकड़ी में छेद किया उतना किता
  • और पहली लकड़ी में दूसरी लड़की का सिरा डाल दिया और उपर से उस्मने किल लागा दिया
  • और हमरा टी-जॉइंट तयार है

badhaigiri

आज हमने सनमाइका का पेरेक्टिकल किया जिसमें हैं सबसे पहले मटेरियल जमा किया और ये होता क्या है इसका इस्तेमाल कहा और कैसे होता है इसके क्या फायदे होते है इसके बारे में बताया गया इसमें हमने सबसे पहले एक बॉक्स लिया ,सनमाइका , गोंद ,इंचटेप नापने के लिए ,चाकू ,लकड़ी का फीता

  1. इसमें सबसे पहले इंचटेप से बॉक्स की लंबाई और चौड़ाई नापी फिर
  2. उसके बाद उसी मेजर में सनमाइका को काटा
  3. फिर उसके बाद उसने गोंद लगाया और उसमे चिपकाया अच्छे से

23/5/2021

Ferrocement

फेरोसिमेंट का मूल परिचय में हम देख रहे है की, फेरो सीमेंट एक नविण्यपूर्ण कॉन्क्रीटयुक्त बांधकाम है. इस में सीमेंट मॉर्टर , मेटल रॉड ( धातु ), और जाली बनके उपयोग में लाते है. वेल्डमेश और चिकनमेश फेरो सीमेंट के अंदर अपनी संरचना का उपयोग करते हैं.

  • फेरो सीमेंट से हम बहुत कुछ सामग्री बना सकते है
  • और आज हम इससे एक टेंक बनाने की विधि के बारे में जाने है
  1. राउंड बार के चार भाग दिए गए मेंझरमेंट में छन्नी से काटे.
  2. चार भाग को दिए गए काटकोण में वेल्डिंग करे.
  3. दिए गए माप से चिकनमेश काटे.
  4. बादमे चिकनमेश को फ्रेम के ऊपर बाइंडिंग वायर से बांध ले.
  5. रेती ,सीमेंट और पानी का मिलाव कर के मॉर्टर तैयार करे.

RCC COLAM

25/5/2021

  • आरसीसी  – का अर्थ है भवन के मुख्य संरचनात्मक सदस्य, अर्थात, स्लैब, बीम, स्तंभ और नींव प्रबलित सीमेंट कंक्रीट से बने होते हैं। प्रबलित सीमेंट कंक्रीट के लिए खड़ा है, जो सादे सीमेंट कंक्रीट के लिए उपयोग किया जाता है या सीमेंट के मिश्रण को स्टील बार के साथ प्रबलित किया जाता है।
  • हमने एक अर सी सी का एक कॉलम बनाया था
  • सबसे पहले हम एक पात्र लेगे
  • उसमे हम सीमेंट डाले
  • उसमे पानी मिलाये
  • छोटे छोटे क्रिसटल डाले
  • सबको अच्छे से मिला दिए
  • उस घोल को हम कोलम मशीन में डाल दिए
  • 24 घंटे के बाद में उसको उस मशीन में से निकाल दिए
  • हमरा आरसीसी कालम तैयार

फेरो सीमेंट की वस्तुए

  • फेरोसिमेंट का मूल परिचय में हम देख रहे है की, फेरो सीमेंट एक नविण्यपूर्ण कॉन्क्रीटयुक्त बांधकाम है. इस में सीमेंट मॉर्टर , मेटल रॉड ( धातु ), और जाली बनके उपयोग में लाते है. वेल्डमेश और चिकनमेश फेरो सीमेंट के अंदर अपनी संरचना का उपयोग करते हैं.
  • इसके बारे में सर ने हमको बताया की फेरो सीमेंट से हम भुत कुछ सामग्री बना सकते है

Hing

  • Explanation: एक काज एक यांत्रिक असर है जो दो ठोस वस्तुओं को जोड़ता है, आमतौर पर उनके बीच केवल सीमित कोण के रोटेशन की अनुमति देता है, टिका स्टील से तांबे तक, विभिन्न प्रकार की सामग्रियों से बनाया जा सकता है, और समान रूप से व्यापक रेंज है। स्टेनलेस स्टील, पीतल, कांस्य, पेवर और तांबे आम काज सामग्री हैं।

1. बट जोड़(But Joints):-   बट जोड़ के अंतर्गत निम्न प्रकार के जोड़ सम्मिलित है:-

  • सीधा या सरल किनार जोड़ (Straight or Plain-edge Joint):- इसमें दोनों भागों के किनारे को एक साथ वाइस में बांधकर समतल किया जाता है। फिर दोनों सतहों पर सरेस लगाकर चिपका दिया जाता है तथा इनको शिकंजे में कस दिया जाता है। सूख जाने के बाद इसमें मजबूती आ जाती है।
  • डावल पिन जोड़ (Dowel Pin Joint):- यह जोड़ सरल किनार जोड़ जैसा ही है परंतु इसमें डावल पिन प्रयोग किए जाते हैं। दोनों भागों को एक सीध में रख रखकर छेद कर दिया जाता है। फिर इसमें डावल पिन पर लगाकर ठोंक दिया जाता है।
  • जीभ और खाँचा जोड़ (Tongue and Groove Joint):- इन जोड़ों में एक लंबी खाँच तथा एक लंबी जीभ बनाई जाती है। कभी-कभी दोनों भागों में खाँच तथा जीभ सरेस से जोड़ दिया जाता है। यह जोड़ साधारणतया लंबे तख्तों, विभाजक दीवारों,  फर्श तथा ड्राइंग बोर्ड आदि में प्रयोग किया जाता है।

2. लैप जोड़ (Lap Joint):- इस जोड़ के अंतर्गत जोड़े जाने वाले दोनों भाग एक दूसरे के ऊपर चढ़े होते हैं। यह बहुत ही मजबूत जोड़ हैं। यह खिड़कियों तथा दरवाजों की चौखटों और डेस्क तथा दराज़ अधिक में प्रयोग किया जाता है। लैप जोड़ के अंतर्गत निम्न प्रकार के जोड़ सम्मिलित है:-

  • कोना चढ़ाव जोड़ (End Lap Joint):-   इस जोड़ में चिन्हन गेज से लकड़ी के टुकड़ों पर आधी चौड़ाई पर सेट कर के दोनों भागों की साइड़ों तथा सिरों पर निशान लगाए जाते हैं। निशान लगाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि गेज द्वारा चयनित मोटाई एक टुकड़े पर काटी जाए तथा दूसरे टुकड़े में शेष रहे। यह जोड़ चौखटों या फ्रेमों के कोनों आदि में प्रयोग किया जाता है।
  • क्रॉस अर्ध जोड़(Cross Lap Joint):- इसमें पहले दोनों टुकड़ों को चिन्हन चाकू या परीक्षण वर्ग से चढ़ाव चौड़ाई के निशान लगाए जाते हैं। पहले रेशों के लंबवत, चौड़ाई के समांतर गेज लाइन पर दोनों चिन्हों पर आरी से कटाई की जाती है। इस जोड़ का प्रयोग गाड़ियों तथा दरवाजे आदि के फ्रेमों में किया जाता है।
  • टी-चढ़ाव जोड़ (T-lap-Joint):- इस टी-अर्ध जोड़ भी कहते हैं। लकड़ी के एक भाग के बीच में तथा दूसरे भाग के एक सिरे को आधा काटकर आपस में जोड़ दिया जाता है।
  • डवटेल चढ़ाव जोड़ (Dovetail Lap Joint):-  इस जोड़ में एक भाग पर आधी मोटाई में डवटेल तथा दूसरे भाग पर आधी मोटाई में पहले की माप का डवटेल खाँचा खींचा जाता है।
  • बेवल-अर्ध जोड़ (Bevel Lap Joint):- यह टी चढ़ाव जोड़ के ही भाँति होता है। परंतु इसके भाग आपस में 90 डिग्री के अतिरिक्त अन्य किसी कोण पर होते हैं।
  • पताम जोड़ (Rebate Joint):- इसमें पताम रन्दे की सहायता से दोनों भागों में समान पताम रेशों की दिशा में बनाए जाते हैं। पतामों की गहराई इस प्रकार रखते हैं कि दोनों भागों को सटाकर रखने पर समतल हो जाए।

3. साल तथा चूल जोड़ (Mortise and Tenon Joints):- इन जोड़ों का प्रयोग बढ़ईगिरी में सबसे अधिक किया जाता है। इसमें एक भाग में आयताकार खाँचा बना बनाया जाता है तथा दूसरे भाग में उस खाँचे के समान उभरा तल बनाया जाता है। साल तथा चूल जोड़ निम्न भागों में बांटा गया है-

  • Through Mortise and Tenon Joint:- इसमें चूल, साल के अंदर लकड़ी के आर पार पूरी गहराई तक होती है। साल बनाने के लिए दोनों ओर निशान लगाए जाते हैं तथा कटाई की जाती है।
  • Blind Mortise and Tenon Joint:- इसमें चूल साल के अंदर लकड़ी के आर पार नहीं होती। अतः साल लकड़ी के एक और ही कुछ गहराई तक बनाई जाती है।
  • Hunched Mortise and Tenon Joint:- यह फ्रेम के कोनों पर अधिक सख्ती के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें चूल की लगभग 1/3 चौड़ाई कम कर दी जाती है।
  • Grooved Mortise and Tenon Joint:-  इसमें दिल्ले आदि फिट करने के लिए इस जोड़ में साल पर खाँचा भी बनाया जाता है। जिसके लिए हल रन्दे की आवश्यकता होती है। कभी-कभी खाँचे के स्थान पर पताम भी बनाया जाता है। इस दशा में यह पतामी साल तथा चूल जोड़ कहलाता है।
  • Barefaced Mortise and Tenon Joint:- इसमें चूल एक और ही काटी जाती है।
  • Divided Mortise and Tenon Joint:- इसमें चूल दो भागों में विभाजित होती हैं तथा अधिक चौड़ी लकड़ी के लिए प्रयोग किए जाते हैं। यदि चूल दो से अधिक भागों में विभाजित की गई हो तो इसमें पिन जोड़ बनता है और अधिक चौड़े टुकड़ों में प्रयोग किया जाता है।
  • इस टेबल पर हमने कब्जे लगाये थे
  • और एक रेक लगाया उसमे भी हिन्जलगाया
  • उसमे एक लॉक सिस्टम में भी लगया