बायोगैस क्या है?
बायोगैस एक खास तरह की गैस है जो हमें जैविक कचरे से मिलती है। जैविक कचरा मतलब वे चीजें जो भोजन या पौधों से आती हैं, जैसे केले के छिलके, सब्जियों के टुकड़े, या गाएं का गोबर।
बायोगैस कैसे बनती है?
- कचरा इकट्ठा करना: पहले हम जैविक कचरे को एक बड़े डिब्बे में डालते हैं। इसे बायोगैस प्लांट कहते हैं।
- विघटन: कचरा इस डिब्बे में बैक्टीरिया (सूक्ष्मजीव) द्वारा विघटित होता है, जिससे गैस बनती है।
- गैस संग्रहण: गैस को एक बड़े बैलून या टैंक में इकट्ठा किया जाता है।
बायोगैस के घटक और उनके प्रतिशत
बायोगैस में मुख्यतः निम्नलिखित गैसें होती हैं:
- मीथेन (CH4): 50-75% – यह गैस सबसे अधिक मात्रा में होती है और ऊर्जा देने के लिए जिम्मेदार होती है।
- कार्बन डाइऑक्साइड (CO2): 25-50% – यह गैस मीथेन के साथ मिश्रित होती है, लेकिन इसका ऊर्जा देने में कोई भूमिका नहीं होती।
- हाइड्रोजन सल्फाइड (H2S): 0-1% – यह गैस थोड़ी मात्रा में होती है और इसका रंग और गंध बहुत खराब होता है।
- अन्य गैसें: जैसे कि वाटर वाष्प, नाइट्रोजन आदि, जो थोड़ी मात्रा में होती हैं।
[इमेज 2: बायोगैस की संरचना]
बायोगैस के फायदे
- ऊर्जा मिलती है: बायोगैस का उपयोग चूल्हा जलाने, हीटर में गर्मी देने, या बिजली बनाने में किया जा सकता है।
- कचरा कम होता है: बायोगैस बनाने से कचरे की मात्रा कम हो जाती है और हमारे आस-पास का वातावरण साफ रहता है।
- पौधों के लिए खाद: बायोगैस बनने के बाद बचे हुए कचरे को खेतों में खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है|
बायोगैस का उपयोग कैसे होता है?
- खाना पकाने में: बायोगैस से चूल्हा जलाया जाता है जिससे खाना पकाया जा सकता है।
- घर को गर्म करने में: बायोगैस से हीटर चलाया जा सकता है, जिससे घर गर्म रहता है।
- बिजली बनाने में: बायोगैस का उपयोग जनरेटर में किया जा सकता है जिससे बिजली बनाई जाती है।
बायोगैस की अन्य गैसों से तुलना-
1 घन मीटर बायोगैस (उष्मामान लगभग 4700 किलो कैलोरी)निम्न ईंधन स्रोतों की बचत कर सकती है –
- 3.5 किलोग्राम लकड़ी
- 0.62 लीटर केरोसीन
- 0.43 किलोग्राम एल. पी. जी. गैस
- 12.3 किलोग्राम गोबर के कपड़े
- 1.5 किलोग्राम कोयला
- 0.5 यूनिट बिजली
उपरोक्त तालिका से यह स्पष्ट हो जाता है कि, बायोगैस का उपयोग कर हम लकड़ी एवं बिजली की बचत कर सकते हैं। लकड़ी की बचत से, वनों को काटने से रोका जा सकता है। इससे वृक्ष हरे – भरे रहेंगे एवं वर्ष में सहायता करेंगे। अच्छी वर्ष से हम सभी प्रसन्न रहेंगे तथा समृद्ध होंगे।
बायोगैस संयंत्र की क्षमता का चुनाव
संयंत्र की क्षमता का चुनाव जानवरों से प्रतिदिन उपलब्ध गोबर की मात्रा एवं परिवार में सदस्यों की संख्या के आधार पर ही करना चाहिए जिससे संयंत्र सुचारू रूप से कार्य करता रहे।
गोबर की आवश्यकता मात्रा किग्रा. | जानवरों की संख्या | संयंत्र की क्षमता घन मीटर | सदस्यों की संख्या |
50 | 4 – 5 | 2 | 5 – 6 |
75 | 6 – 8 | 3 | 7 – 9 |
100 | 9 – 11 | 4 | 10 – 12 |
150 | 12 – 16 | 6 | 13 – 16 |
कहां उपयोग कर सकते हैं?
- ग्रामीण इलाकों में: बायोगैस प्लांट ग्रामीण इलाकों में बहुत उपयोगी होते हैं जहां जैविक कचरा अधिक होता है।
- शहरी इलाकों में: शहरों में भी बायोगैस प्लांट लगाकर कचरे की समस्या हल की जा सकती है।
निष्कर्ष
बायोगैस एक मजेदार और उपयोगी गैस है जो हमारे कचरे से प्राप्त होती है। यह हमें स्वच्छ ऊर्जा देती है और हमारे पर्यावरण की रक्षा करती है। बायोगैस का सही उपयोग करके हम अपनी धरती को साफ-सुथरा रख सकते हैं और ऊर्जा भी प्राप्त कर सकते हैं।