कंकाल तंत्र के कार्य है?
१);कंकाल हमारे शरिर कोनिशीचत आकार एवं आकृती प्रदान करता है!
२) शरीर की आंतरिक कोमल अंगो को बाह्य अधतोसे रश्रा करता है!
३) यह पेशियो की सहायता से संपूर्ण शरीर एक शरीर के अँगो को गती प्रदान करते है!
४) यह शरीर को मजबुती प्रदान करता है!
कंकाल का निर्माण अस्थिया उपस्थिया संधियो आदि को मिलकर तंत्र बनता है!
नवजात शिशुमे 270 हाडिया होती है!
ब्ल्यवस्था में हडीय्या की संख्या ३५० हो जाती है !
किशोरवस्था व प्रौढावस्था में कुच्छ हाडीय्यो में सांगलीत
होले (अस्थिकरण ) के कारण २०६ तक सीमित हो जाती है!
शरीर में मोजुद कंकाल दो प्रकार के होते है!
१) बहिर (एगजो) कंकाल: शरीर के बहीर परत में पाडा जने वळे कांकल को बाहिर कंकल मानव ओर शरीर के भितर पाया जाता है ! यह शरीर की मुख्य संरचना का निमनी करता है !
शरीर में मौजुद कांकाल के आधार पर ककल दो प्रकार के होते है !
अस्थिय का प्रकार : मानव शरीर की सबसे बडी ओर लंबी हडिय्या
होटीहे