८ दिसंबर २०२०
खेती के परी मापकोंकी जानकरी लेना।
कस्मे हमने गुंठा कितना होता है। ये देखा और १ एकर मै ४० गुंठा होता है।
और १ हेक्टअर मतलब १०० गुंठा होता है ये देखा।
ग्राम देखा ५०० ग्राम मतलब आधा किलो।
और १००० ग्राम मतलब १ किलो होता है।
मिली देखा ५०० मिली मतलब आधा लीटर।
और १००० मिली मतलब १ लीटर होता है।
और हमने खेत मै जाकर खेत भी गिना और प्रैक्टिकल भी पूरा हुआ।
९ दिसंबर २०२०
डेयरी पशु का दोहन हात से तथा मशीन से।
उद्देश्य =दोहन की सही विधि को सीखना। तथा मशीन द्वारा दोहन की विधि से अवगत होना।
आवश्यक सामग्री =स्वच्छ रूप से दोहन के लिए भुसौरा /पार्लर ,दुधारू गाय ,पानी ,पशु की सफाई का ब्रश ,विसंक्रमक सहित साफ कपड़ा ,सांद्र मिश्रण ,स्वच्छ दोहन डोल /बाल्डी ,दूध का केन ,एंटीसेप्टिक विलियन तथा रस्सी।
कृति =हाट से दोहन
यदि भुसौरा /पॉर्लर साफ नहीं है तो। भुसेरो के फर्श को धोये ,रगड़े और विसंक्रमित करे।
दोहन भूसरे मै गायों को लाये और उन्हें उपयुक्त स्थान पर बांधे।
गाय के पीछे के पैरो को बांधे ,उन्हें पानी से धोए और आवश्यकता पड़ने पर सफाई वाले ब्रश का प्रयोग करे।
ऐंटीसेप्टिक घोल से भीगे हुए कपडे से स्तनों को साफ करे
यदि आवशकता हो ,सांद्र मिश्रण की आपेक्षित मटसरा को खाने दे।
हाथ से दोहन की पूर्ण विधि का प्रयोग करते हुए तीव्रता के साथ ५ से ७ मिनट मै गाय का दूध निकाले और उस दूध को साफ दोहन डोल मई या बाल्डी मै एकत्र करे।
तत्प्श्यात गे को खोल दे।
दूध मै किसी प्रकार की अनियमितता। का पता लगाने के लिए स्ट्रिप -कपों का प्रयोग करे।
दूध को मापने से पूर्व छान ले और उसके बाद डेयरियों को अपूर्ति के लिए इसे दूध के डब्बे मै भर ले।
११ दिसंबर २०२०
मशीन द्वारा दोहन
दोहन से आधे मिनिट पूर्व पशु के थान तथा स्तनाग्रो को गुनगुनेऐंटीसेप्टिक घोल (५५c)से साफ कर ले।
प्रत्येक स्तनाग्र से पहले दूध की २ या ३ स्ट्रिप निचोड़े।
स्तनगरो पर स्तनाग्र कप लगाए।
प्रति मिनिट ५० की कम्पन दर पर मशीन को १० से १५ इंच निर्वात (वेक्यूम ) पर चलए।
मशीन द्वारा उत्पन्न काम दबाव के कारन थानों से दूध निकलने लगता हैं।
दूध का प्रवाह रूक जाने पर स्तनाग्र कपो को निकाल दे।
१२ दिसंबर २०२०
अवलोकन =१)गाय की सामान्य स्तिथि।
२)दोहन भुसौरा का सामान्य परिवेश।
३)दुग्ध सिरा ,थान तथा स्तनाग्रो की स्तिथि।
४)स्तनगरो या चूचकोंका आकर।
५)प्रति दिन दोहन की संख्या।
६)दोहन का समय।
७)दूध की मात्रा।
८)दूध का रंग।
९)गंध यदि कोई हों।
१०)दोहन से पहले बछड़े को थान चूसने दिया गया या नहीं।
११)सांद्रण मिश्रण की मात्रा ,यदि कोई हो।
१3 दिसंबर २०२०
सावधानिया =१)पशु के अचे स्वाथ्य को सुनिचित करे।
२)दोहन के स्थान पर स्वच्छ परिस्थितियों को सुनिचित करे।
३)थान को क्षति से बचने के लिए पूर्ण दोहन को सुनिचित करे करे।
४)स्तनाग्र कपो कपो को लम्बे समय तक लगा कर न रखे।
५) मशीन का प्रयोग अनुकूलतम निर्वात के साथ करे।
२१ दिसंबर २०२०
पशुओ की देखरेख व् धुलाई
उद्देश्य =पशुओ की देखरेख तथा धुलाई के लिए प्रयोग होंरे वाले उपकरणों को प्रयोग करने की विधि को सीखना सीखना।
आवश्यक सामग्री =कड़ी कंघी,शरीर शरीर का ब्रश ब्रश ,बाल्टी ,होज पाइप[ ,सूती /खादी का कपड़ा ,रस्सी तथा पशु (बैल ,गाय ,भैंस ).
कृति =१)पशु को साफ -सुथरे स्थान पर बांध ले।
२)पशु को बाई और साफ साफ करने के लिए ब्रश को बाए हाथ मै पकड़े तथा दाई और साफ करते समय ब्रश को दाये हाथ मै पकड़े।
३) पशु के शरीर पर पीछे की ओर कंघी करे।
४)पैरों को साफ करने के लिए ऊपर से निचे की और आये।
५)साफ करते समय हर बार अंतिम छोर पर कलाई को घुमाई।
६)प्रत्येक सफाई के पश्यत कड़ी कंघी की सहायता से ब्रश साफ करे।
७)चहरे ,आँखों ,नाक तथा पूंछ के निचे के स्थान को खादी या सूती कपडे से साफ करें।
८)बाह्य परजीविंयो के स्थानों जैसे थानों के साइड पर ,कानो के निचे ,गलकम्बल तथा नाभि के आसपास क्षेत्र मै अछि तरह सफाई करे।
९)कड़ी कंघी की सहायता सहायता से शरीर पर लगे सूखे गोबर तथा धूल आदि को बालो की विपरीत दिशा मै ब्रश करके साफ करे।
२२ दिसंबर २०२०
धुलाई
१)पशु को बांध ले।
२)शरीर के पिछले भागोंको ब्रश से साफ करे और पानी से धोये।
३)सम्पूर्ण शरीर पानी से भीगा ले ताकि पूरा शरीर गिला हो जाये।
४)आवरोंको हाथ से रगड़े तथा बालोंकी विपरीत दिशा मई पानी डेल
५)दोहन से पूर्व पशु पशु के शरीर को सूखा ले।
२३ दिसंबर २०२०
पानी से लौटना।
१)भैंसो को टैंक /नदी या तालाबों की और ले जाये।
२)पशुओंके साथ पानी मै जाये और उनके शरीर को रगड़े। व् साफ करे।
३)यदि आवश्यकता हों,तो शरीर पर ब्रश का प्रयोग करे।
४)चहरे ,कानो तथा सर पर पानी छिड़कने पर पर लौटने के दौरान पूरी सफाई सुनिचित करे।
५)यदि सींगो पर धूल मट्टी लगी है तो। ुआँसे साफ कर ले।
६)भैसों को दिन मै एक घंटा पानी मई लौटने दे।
७)तालाब बहार आने के पशचत पशुओंके पैरों को धो ले।
अवलोकन =साफ -सफाई के पूर्व तथा पश्चात् पशु को अवलोकन करे।
किसी प्रकार की धूल,मट्टी तथा परजीवी ,यदि कोई हो ,तो देखे।
२४ दिसंबर २०२०
पशु को साफ करते समय ध्यान रखने की सावधानिया =
१)गीले पशु की कंघी न करे।
२)दोहन के समय उनकी कंघी न करे।
३)पशु के शरीर को साफ करते समय कठोरता से न रगड़े।
४)सुनिचित कर ले की सफाई का ब्रश ,कड़ी कंघी साफ -सुथरी हो और उनका उचित ढंग से प्रयोग करे।
५)पशु के बालों की विपरीत दिशा मै कंघी न करे।
६)पशु के चहरे तथा अन्य सवेदनशील क्षेत्र पर ब्रश का प्रयोग न करे।
इस तरह से पशु को धोने की सही विधि है।
आज हमने इस तरह गाय को साफ किया।
२५ दिसंबर २०२०
आज हमने जो खेती के परिमापकोंकी जानकारी ली थी उस पर आज हमने प्रैक्टिकल किया
निचे वाले खेत मै जाकर उस खेत मई परिमापकोंकी तरह गिनकर आज का प्रैक्टिकल पूरा हुआ।
२६ दिसंबर २०२०
बीज प्रसुप्ति तोड़ने के लिए बीज उपचार
उद्देश्य =बीज प्रसुप्ति को तोड़ने ने लिए के लिए प्रयोग किये जाने वाले बीज उपचार को सीखना।
आवश्यक सामग्री =प्रसुप्त बीज सल्फ्यूरिक अम्ल ,जिबरेलिक अम्ल ,पानी ,रेफ्रिजरेटर ,हलकी हतोड़ि ,थायोयूरिया ,
पोटाशियम नाइट्रेड ,काइनोटिन आदि।
प्रक्रिया =१)बीज आवरण क्षरण :यह वह उपचार है जिसके द्वारा कठोर बीज आवरण को तोडा या कमजोर किया जाता हैं।
क)यांत्रिका बीज आवरण क्षरण =विभिन्न प्रकार के यांत्रिक बीज आवरण क्षरण संभव है जैसे मशीन द्वारा बीज दबाना।,
हतोड़े से बीज के आवरण को तोड़ना ,क्षरिका की सहयता से बीज की आवरण को कटना आदि।
ख)रासायनिक बीज एव आवरण क्षरण =बीजोंको कीच समय के लिए गाढ़े।,अम्ल या कुछ जैविक विलयन रखने से बीज
की प्रसूति समाप्त होती हैं। उदाहरण के लिए ,बीज को ५ मिनट के लिए सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल मै रखना।
२)स्तरण या द्रुतशीतन :अनेक काष्ठीय फसलों मै भौतिक प्रसुप्ति को द्रुतशीतन उपचार द्वारा बीज को हिमीकरण तापमान
०-५ Cसे ठीक ऊपर रख कर समाप्त किया जा सकता हैं। इसके लिए बीजोंको रेत या काई की एकान्तर परतो मै एक
सप्ताह से ६ महीने तक के लिए निन्म तापमान पर रखें। प्रसुप्ति भ्रूण वाले बीजो को एकान्तर रूप से उच्च तापमान तथा
निन्म तापमान पर रखा जाता हैं।
३)रसायनों का प्रयोग :बीजों का उपचार रसायनो तथा हार्मोनो जैसे जिबरेलिक एसिड थयोरिया ,साइटोकड़निन्स ,पोटाशियम
नाइट्रेड से करे।
४)पानी मै रखना : बीजों को २४ से ४८ घंटों के लिए ठन्डे पानी मै या गुनगुने पानी मै भिगो के रखे।
५)प्रकाश मै रखना :कुछ बीजों को अंकुरण के लिए सूर्य प्रकाश की आवश्यकता होती है ,ऐसे बीजों को फोटोश्लास्टिक कहते है
६)दबाव डालना : दबाव से बीज आवरण नाजुक हो जाता है। जिससे पानी की पारगम्यता बढ़ा जाती है। इस तरह यह बीज की
प्रसुप्ति को विखंडित करता है।
बीजों की प्रसुप्ति अवस्था :पर्यावरणीय करने यव बीजों के गुणों पर निर्भर कराती है विभिन्न प्रकार के बीजों की प्रस्तुप्ति अवस्था
को तोड़ने के लिए विभिन्न प्रकार के बीज उपचार किये जाते हैं।
7 जनवरी 2021
भूसा और चारों की पहचान करना।
उद्देश्य =विभिन्न पशुओं के डेयरी पशुओं के भोजन हेतु व् उनके लिए विभिन्न प्रकार का राशन तैयार करने के लिए
प्रयोग होने वाले सामान्य भूसा और चारो को पहचानने की प्रक्रिया को सीखना।
आवश्यक सामग्री =चरागाह ,फसल संग्रहालय ,बिजीं तथा चरों लेबलयुक्त नमूने ,चौड़ी मुँह वाली शीशे की बोतले
तथा पेट्रीडिश।
प्रक्रिया =१)चरागाहों या खेतो मै हरी खड़ी फसल के लिए ,पौधे की विशेताओं के आधार पर भूसा /चरों की पहचान
करें और उनके नाम लिखे।
२)एक कागज के टुकड़े पर बोतल /पेट्रीडिश से एक भूसा /चारे का नमूना निकले उसकी विशेषताएं का अध्ययन करे।
३)दानो व् बीजों के मामले मै दानों ,उनके रंग ,आकर तथा अन्य विशेष्ताओँ को नोट करे।
४)शुष्क चरों की स्तिथि मई तने तथा पत्ती की विशेष्ताये का अध्ययन करे।
५)भूमि के निचे उपजने वाले दानों की स्तिथि मै उनके रंग ,स्वरुप तथा अन्य विशेषताओं का अध्ययन करे।
६)इसी प्रकार ,चारा यौगिकों को उनकी प्रकृति ,रंग आदि के आधार पर पहचाने।
8 जनवरी 2021
क)चारा =१)शुष्क चारा
क)फलीदार
ख)गैर -फलीदार
ग)सुखी घास
२)हरा चारा
क)चराहगाह फसल
ख)फलीदार
ग)गैर- फलीदार
घ)साइलेज /परिरक्षित चारा
ड)जड़ तथा कन्द
च)पेंड की पत्तिंया
ख)सांद्रित
क)अनाज तथा बीज
ख)आनाज के उत्पादक
ग)तिलहन तथा खली
घ)पशु उपोत्पाद
ग)चारा /भूसा योगिक
क)नमक
ख)खनिज मिश्रण
ग)विटामिन पूरक
घ)एंटीबायोटिक
ड)अन्य
घ)गैर परम्परागत चारा /भूसा
क)चीनी उधोग के उपफल
ख)पेड़ की पत्तिया
ग)अन्य (गन्ने की पत्तिंया)
9 जनवरी 2021
पशु बड़ो की साफ-सफाई तथा स्वछता
उद्देश्य =पशुओ के बड़ो की साफ -सफाई करने तथा स्वछता बनाये रखने की विधिया को सीखना।
आवश्यक सामग्री =साधन :बेलचा ,फर्श का ब्रश ,लोहे की बल्टिंया ,पहिया वाला ठेला ,होस पाइप ,स्प्रे पम्प।
रसायन :ब्लींचिंग पाउडर ,आओडीा आयोदोफर कैल्शियम हाइड्रोक्साइड ,सोडियम कार्बोनेट तथा फिनाइल।
किटकनाशक :मेलथिन (५० प्रतिशद ई सी )तथा नम होने वाला पाउडर।
प्रक्रिया =१)बेलचे की सहायता से फर्श पर फैले चरनी ,गोबर ,मूत्र एव बचे हुए चरों को ठेले मै दाल कर अछि तरह साफ कर ले।
10 जनवरी 2021
दुधारू पशुओं के स्पंदन ,तापमान तथा श्वसन को रिकार्ड करना।
उद्देश्य =दुधारू पशुओं स्पंदन ,तापमान तथा श्वसन को रिकार्ड करने की विधि को सीखना।
आवश्यक सामग्री = क्लिनिकल थर्मामीटर ,वैसलीन ,रूई ,स्टॉप वाच / हाथ घडी ,स्टेथोस्कोप तथा तथा दुधारू पशु।
प्रक्रिया =
क)श्वसन दर को रिकार्ड करना
पशु के एक ओर कुछ दुरी पर खड़े हो जाये।
पशु के किसी भी तरफ पार्श्व या छाती के ऊपर व् निचे होने का अवलोकन करे।
स्टॉप वाच या हाथ घडी का प्रयोग करते हुए पार्श्व क्षेत्र के उड़ाने या गिराने की संख्या को गिन।
11 जनवरी 2021
ख)स्पंदन दर का रिकार्ड करना।
पशु को बांध ले और उसके पीछे कुछ दुरी पर खड़े हो जाये।
उसकी पूंछ को खींचे और अपने बांहे हाथ से पूंछ को ऊपर से पकड़ ले।
पूंछ -शीर्ष से ऊपर लगभग ६-८ सेमि तक पंच के निचे अपनी चार छोटी उंगली ओंको डाल ले।
कोक्सीजियाल धमनी का पता लगाए और मध्य उंगली ओनसे स्पंदन को महसूस करे।
स्टॉप वाच या हैट घडी की सहायता से एक मिनट के लिए धमनी मै विस्तारों और संकुचनों मै
विविधता के रूप मै स्पंदन दर को रिकार्ड करे।
यदि स्पन्दन धीमा है तो सुनने के लिए स्टेथोस्कोप को सीधे ह्र्दय के ऊपर रखे।
20 जनवरी 2021
ग)शरीर के तापमान को रिकार्ड कराना।
पशु को बांध ले और उसके पीछे कुछ दुरी पर खड़े हो जाये।
क्लिनिकल थर्मामीटर को एक या दो झटके देकर उसकी रीडिंग को न्यूनतम पर लाये।
थर्मामीटर के बल्ब को वैसलीन से चिकना करे।
थर्मामीटर को गुदा से मलाशय मै प्रविष्ट करे एंव बल्ब को अपनी उंगली से सुरक्षित रखते
हुए उसे अंदर की श्लेषमा ज़िल्ली के संपर्क मै लाये।
थर्मामीटर को इस स्थिति मई एक मिनट के लिए रखे।
एक मिनट के पश्यात थर्मामीटर को मलाशय से बहार निकल दे ,इस रुई से साफ कर
ले और मरकरी कॉलम से तापमान की रीडिंग भर ले।
सावधानिया =१)रीडिंग के दौरान पशु को आवश्यक रूप से परेशान या उत्तेजित न करे।
२)थर्मामीटर के बल्ब को स्पर्श न करे
३)इस बात का ध्यान रखे की तापमान रिकार्ड करते समय टेक्टम के संपर्क मई रहे।
श्वसन दर के समय पार्श्व क्षेत्र के उठने या गिराने के दोनों क्रम को एक साथ न गिने।
21 जनवरी २०२१
दंतविन्यास के आधार पर पशु की आयु का आंकलन
उद्देश्य=दांतो के अध्ययन द्वारा पशुओं की आयु का अनुमान लगाने तथा विभिन्न श्रेणियाँ के पशुओं
के दंतविन्यास की पहचान करने की विधि को सीखना।
आवश्यक सामग्री =माउथ -गेग ,रस्सी ,पांच पशु (बछड़ा तथा दुधारू)
प्रक्रिया =१) चुपके से पशु के समीप जाये।
२)पशु को अछि तरह से पकड़ ले।
३)पशु का मुँह खोले और ५ वर्ष तक की आयु का पता लगाने के लिए प्रस्तुत उदभेदन तालिका के
नुसार दातों की स्तिथि का अवलोकन करे।
४)५ वर्ष से अधिक की आयु वाले पशुओं के लिए निन्मलिखित दिशानिद्राशो के आधार पर (कृन्तक
दांतो के घिसने स्तर के आधार पर।)आयु का अनुमान लगाया जाता हैं –
मवेशिओं में ,निचले जबड़े मै ८ कृतंक डट होते हैं।
मवेशिओं के ऊपरी जबड़े मै कृतंक दाट नहीं होते हैं।
आयु के बढ़ने के साथ कृतंक दातों का उदभेदन विशिस्ट क्रम मई होता हैं
५,५ वर्ष की आयु पर ,मुँह मै सभीस्थाही कृतंक दाट आ जाते है।
इसलिए इस आयु मैं -पशु को सम्पूर्ण दातो का माना जाता है
मवेशियों मै आयु वार कृतंक दतो का उदभेदन :