( 1 ) दो महीना के लिए मैं इंटरशिप को मुम्बई के अंधेरी में काम कर रहा था जबकि वह एक जनता इलेक्ट्रॉनिक कम्पनी का नाम है और मैं जिनके साथ काम कर रहा था उनका नाम इमरान शैख है
सबसे पहले हम दोनों तीन माहला घर में गए जो पहले से वायरिंग
हो चुका था वही वायरिंग की जगह को चेंज करके दूसरी जगह पर
वायरिंग का कनेक्शन देना था हमने पूरे घर की वायरिंग किया
और इस तरह से वायरिंग करना सीखा
( 1 ) हम दो लोग एक फ्री क्लासेस सेंटर में वायरिंग का काम किया
वहा पर हमने कंप्यूटर और सिलाई मशीन लगाने के लिए सबसे पहले
उस रूम को अच्छे तरह से समझने के बाद ही काम चालू किया गया
काम शुरू करने के लिए सभी सामग्री इकट्ठा किया फिर उसके बाद
फिर उसके बाद ड्रिल करके पट्टी को लगाया गया पट्टी व बोर्ड फिट
किया गया सब करने के बाद वायर को पट्टी में डाल कर कनेक्शन दे
दिया गया इस प्रकार से मैंने वायरिंग करना सीखा