Gust House Building
1. प्रस्तावना
विज्ञान आश्रम, पाबल में मुझे गेस्ट हाउस बिल्डिंग का प्रोजेक्ट करने का अवसर मिला। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य था निर्माण (Construction) की बुनियादी तकनीकों को समझना, आवश्यक उपकरणों का उपयोग सीखना और वास्तविक निर्माण कार्य का अनुभव प्राप्त करना। इस कार्य के दौरान मैंने गेस्ट हाउस बनाने की पूरी प्रक्रिया—ब्लॉक लगाने से लेकर प्लास्टर, दरवाज़ा फिटिंग और अन्य तकनीकों—को practically सीखा।
2. सर्वे
काम शुरू करने से पहले हमने यह सर्वे किया कि गेस्ट हाउस बनाने में कौन-कौन सी चीज़ों की आवश्यकता होती है।
- सबसे पहले जानकारी ली कि निर्माण कार्य कैसे किया जाता है।
- फिर देखा कि मुख्य सामग्रियों में cement form blocks, block joining mortar, और cement का उपयोग होता है।
- इसके बाद निर्माण के लिए आवश्यक उपकरणों का अवलोकन किया।
- अंत में साइट पर उपलब्ध संसाधनों और ब्लॉक्स की संख्या की जाँच की।
3. उद्देश्य
इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य था—
- गेस्ट हाउस निर्माण की प्रक्रिया को practically सीखना
- निर्माण में उपयोग होने वाली सामग्रियों और टूल्स का ज्ञान प्राप्त करना
- ब्लॉक सेटिंग, मिक्सिंग, प्लास्टरिंग और डोर फिटिंग जैसे कौशलों में दक्षता प्राप्त करना
- टीमवर्क और साइट मैनेजमेंट को समझना
4. सामग्री
गेस्ट हाउस निर्माण में प्रयोग की गई मुख्य सामग्री:
- Cement Form Blocks
- Block Joining Mortar
- Cement
- पानी
- दरवाज़े का फ्रेम
- प्लास्टर मटेरियल
5. टूल्स
निर्माण कार्य में उपयोग किए गए प्रमुख उपकरण—
- Spirit Level – दीवार सीधी है या नहीं, यह जाँचने के लिए
- Level Tube – लेवल चेक करने के लिए
- Vadambak (वडंबक) – ब्लॉक सही जगह फिट करने के लिए
- Patra (पात्रा) – मिक्सिंग और प्लास्टर लगाने के लिए
- Kavchi (कवची) – सामग्री उठाने और लगाने के लिए
6. कृती
काम की शुरुआत हमने ब्लॉक्स और टूल्स की जाँच से की। फिर—
- Block joining mortar को पानी के साथ मिलाकर block-setting mix तैयार किया।
- Vadambak का उपयोग करके ब्लॉक्स को सही दिशा और लेवल में फिट किया।
- Spirit level और level tube से दीवार का सीधापन चेक किया।
- दीवारें बन जाने के बाद प्लास्टर की प्रक्रिया शुरू की और Patra से प्लास्टर लगाया।
- इसके बाद दीवार के बीच में दरवाज़े का फ्रेम लगाया और उसे mortor से मजबूत किया।
7. निरीक्षण
निर्माण करते समय हर स्टेप पर निरीक्षण किया गया—
- ब्लॉक सही लेवल पर हैं या नहीं
- मिक्स की क्वालिटी सही है या नहीं
- प्लास्टर समान रूप से लगाया जा रहा है या नहीं
- दरवाज़ा ठीक तरह फिट हुआ है या नहीं
काम के दौरान कुछ समस्याएँ भी आईं, जैसे block joining mortar के कारण हाथों और स्किन पर सफेद परत जमना।
8. परिणाम
इस प्रोजेक्ट के अंत तक—
- एक मजबूत और सुंदर दीवार तैयार हुई
- प्लास्टर और ब्लॉक सेटिंग का सही अनुभव मिला
- उपकरणों का उपयोग करने में दक्षता प्राप्त हुई
- निर्माण तकनीकों की समझ विकसित हुई
यह प्रोजेक्ट मेरे लिए बहुत सीखने वाला और प्रेरणादायक अनुभव रहा।
9. भविष्य में उपयोग
गेस्ट हाउस बनने के बाद इसका उपयोग—
- मेहमानों के ठहरने
- स्टूडेंट्स और इंटर्न्स के रहने
- विज़िटर्स के accommodation
- आश्रम के विकासात्मक कार्यों में सहायता
के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा, मुझे प्राप्त यह अनुभव भविष्य में किसी भी निर्माण कार्य में बहुत उपयोगी रहेगा।