प्रस्तावना

आज के समय में पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण अत्यंत आवश्यक हो गया है। बढ़ती जनसंख्या, तेजी से हो रहा शहरीकरण और वनों की कटाई के कारण प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता जा रहा है। इस समस्या के समाधान के रूप में नर्सरी परियोजना एक प्रभावी और टिकाऊ उपाय है। इस परियोजना के अंतर्गत पौधों की पौध तैयार की जाती है, जिसका उपयोग खेती, उद्यान, शहर की सजावट और वन महोत्सव जैसे कार्यक्रमों में किया जाता है। यह परियोजना न केवल पर्यावरण के लिए लाभदायक है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी फायदेमंद है।

उद्देश्य

पर्यावरण का संरक्षण एवं संवर्धन करना।

विभिन्न प्रकार के पौधों की पौध तैयार करना।

रोजगार के अवसर उत्पन्न करना।

स्थानीय बाजार के लिए गुणवत्तापूर्ण पौध उपलब्ध कराना।

पौधों की किस्मों, उनकी वृद्धि प्रक्रिया और प्रबंधन का अनुभव प्राप्त करना।

सर्वेक्षण

नर्सरी परियोजना शुरू करने से पहले हमने गाँव के किसानों से बातचीत की। उनसे यह जाना कि उन्हें किस प्रकार की पौधों की आवश्यकता है। इसके साथ ही नजदीकी बाजारों, सरकारी पौधशालाओं और निजी नर्सरियों का भी अवलोकन किया। इस सर्वेक्षण से निम्न बातें स्पष्ट हुईं:

आम, अमरूद, सीताफल, गुलाब और मोगरा की अधिक मांग है।

जैविक खाद का उपयोग करने वाली नर्सरियों को अच्छा प्रतिसाद मिलता है।

यह कम लागत में शुरू होने वाला और लाभ देने वाला व्यवसाय है।

सामग्री

नर्सरी परियोजना के लिए आवश्यक सामग्री निम्नलिखित है:

बीज / कलमें (आम, गुलाब, अमरूद आदि)

पॉलिथीन बैग (ग्रो बैग्स)

गमले / ट्रे

जैविक खाद (वर्मी कम्पोस्ट, कम्पोस्ट)

पानी देने के साधन (स्प्रे, पाइप)

फावड़ा, खुरपी, कुदाल आदि बागवानी उपकरण

क्रियान्वयन

उपयुक्त स्थान का चयन एवं मिट्टी की जांच

बीज उपचार कर बुवाई करना

नियमित सिंचाई एवं खाद प्रबंधन

पौधों की देखभाल और समय-समय पर सफाई

तैयार पौधों को बिक्री के लिए रखना

समस्याएँ एवं समाधान

समस्यासमाधान
पानी की कमीड्रिप सिंचाई का उपयोग
कुछ बीजों का अंकुरण कम होनागुणवत्ता जांचे हुए बीजों का उपयोग
कीट एवं रोगजैविक कीटनाशकों का प्रयोग

स्व-अध्ययन (सेल्फ लर्निंग)

इस परियोजना से मैंने कई बातें सीखीं:

पौधों की वृद्धि प्रक्रिया को नजदीक से समझने का अनुभव मिला।

समय प्रबंधन और नियमित देखभाल का महत्व समझ आया।

जैविक खाद का उपयोग कितना लाभदायक है, यह ज्ञात हुआ।

व्यावसायिक दृष्टिकोण विकसित हुआ।

टिकाऊ खेती और पर्यावरण में नर्सरी की भूमिका समझ में आई।

अवलोकन

कुछ पौधे जल्दी अंकुरित हुए जबकि कुछ को अधिक समय लगा।

जैविक खाद के उपयोग से पौधों की वृद्धि बेहतर हुई।

छाया में रखे गए पौधों की तुलना में धूप वाले पौधों की अधिक देखभाल करनी पड़ी।

नियमित सिंचाई और कीट नियंत्रण से पौधे स्वस्थ रहते हैं।

निष्कर्ष

नर्सरी परियोजना एक शिक्षणात्मक एवं आर्थिक दृष्टि से लाभकारी परियोजना है। इस परियोजना से हमें वनस्पति विज्ञान, प्रबंधन, कृषि और उद्यान विज्ञान का ज्ञान प्राप्त हुआ। पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ यह परियोजना टिकाऊ रोजगार के अवसर भी प्रदान करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार की परियोजनाओं की अत्यधिक आवश्यकता है और युवाओं को इसे व्यवसायिक दृष्टिकोण से अपनाना चाहिए।

कलम (Gutti / Cutting)

कलम एक ऐसी विधि है जिसमें किसी अच्छे और स्वस्थ पौधे की टहनी या शाखा को काटकर मिट्टी में लगाया जाता है या किसी दूसरे पौधे पर जोड़ा जाता है, जिससे नया पौधा तैयार होता है। इस विधि से तैयार पौधा जल्दी बढ़ता है और उसमें वही गुण होते हैं जो मूल पौधे में होते हैं। आम, गुलाब, नींबू, अंगूर, अमरूद आदि पौधों की कलम बनाई जाती है।

कलम बनाने का उद्देश्य

कलम बनाने के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

अच्छे गुणों वाले पौधे तैयार करना।

पौधों की संख्या जल्दी बढ़ाना।

कम समय में फल और फूल प्राप्त करना।

एक समान गुणवत्ता वाले पौधे तैयार करना।

कलम के प्रकार

कलम मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है:

कटिंग कलम (Cutting Method)

गुट्टी कलम (Air Layering)

ग्राफ्टिंग कलम (Grafting)

कटिंग कलम कैसे करते हैं?

कटिंग विधि में स्वस्थ पौधे की एक टहनी काटकर सीधे मिट्टी में लगाई जाती है।

विधि:
सबसे पहले एक स्वस्थ और रोगमुक्त पौधे की 6–8 इंच लंबी टहनी चुनी जाती है। टहनी को नीचे से तिरछा काटा जाता है। इसके बाद उस टहनी को गोबर खाद और मिट्टी के मिश्रण वाली पॉलिथीन बैग या गमले में लगाया जाता है। नियमित रूप से पानी दिया जाता है। कुछ दिनों में टहनी में जड़ें निकल आती हैं और नया पौधा तैयार हो जाता है।

गुट्टी कलम कैसे होती है? (Air Layering)

गुट्टी कलम एक बहुत ही प्रचलित और सफल विधि है। इसमें पौधे की टहनी को पौधे से अलग किए बिना ही उसमें जड़ें विकसित कराई जाती हैं।

विधि:
सबसे पहले एक स्वस्थ पौधे की एक साल पुरानी टहनी चुनी जाती है। उस टहनी की छाल को लगभग 2–3 सेंटीमीटर तक गोलाई में निकाल दिया जाता है। इसके बाद उस स्थान पर गोबर खाद, मिट्टी और कोकोपीट का मिश्रण लगाया जाता है। इस मिश्रण को गीला रखा जाता है और ऊपर से प्लास्टिक या पॉलीथीन से अच्छी तरह बांध दिया जाता है। 20–30 दिनों के बाद उस स्थान पर जड़ें निकल आती हैं। जब जड़ें अच्छी तरह विकसित हो जाती हैं, तब उस टहनी को नीचे से काटकर मिट्टी में लगा दिया जाता है।

ग्राफ्टिंग कलम कैसे होती है? (Grafting)

ग्राफ्टिंग विधि में दो अलग-अलग पौधों को जोड़कर एक नया पौधा तैयार किया जाता है।

विधि:
इस विधि में एक पौधे की जड़ वाले भाग को स्टॉक कहते हैं और दूसरे पौधे की टहनी को सायन कहा जाता है। सबसे पहले स्टॉक पौधे को ऊपर से काटा जाता है। फिर सायन को तिरछा काटकर स्टॉक में फिट किया जाता है। दोनों भागों को धागे या टेप से अच्छी तरह बांध दिया जाता है। कुछ दिनों में दोनों भाग जुड़ जाते हैं और नया पौधा विकसित होता है।

कलम बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

स्वस्थ पौधा

तेज चाकू या ब्लेड

गोबर खाद और मिट्टी

पॉलीथीन शीट / धागा

पानी

कलम विधि के लाभ

पौधे जल्दी तैयार होते हैं।

फल और फूल जल्दी आते हैं।

अच्छे गुणों वाले पौधे मिलते हैं।

कम खर्च में अधिक पौधे तैयार किए जा सकते हैं।

निष्कर्ष

कलम विधि पौधों को तैयार करने की एक सरल और उपयोगी तकनीक है। गुट्टी, कटिंग और ग्राफ्टिंग जैसी विधियों से कम समय में अच्छे और स्वस्थ पौधे तैयार किए जा सकते हैं। नर्सरी परियोजना में कलम विधि का विशेष महत्व है। विद्यार्थियों और किसानों को इस विधि का उपयोग अवश्य करना चाहिए।

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मिट्टी के परीक्षण में लगने वाला सामान

मिट्टी का परीक्षण करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

मिट्टी का नमूना

खेत या नर्सरी की अलग-अलग जगहों से ली गई मिट्टी।

फावड़ा या खुरपी

मिट्टी खोदने और नमूना निकालने के लिए।

बाल्टी

अलग-अलग जगहों से लाई गई मिट्टी को एक साथ मिलाने के लिए।

साफ कपड़ा या पॉलीथीन

मिट्टी को सुखाने और पैक करने के लिए।

लेबल / कागज

मिट्टी के नमूने पर नाम, स्थान और तारीख लिखने के लिए।

पानी

घरेलू विधि से परीक्षण करने के लिए।

काँच की बोतल या गिलास

मिट्टी और पानी मिलाकर जांच करने के लिए।

चम्मच

मिट्टी को हिलाने या मिलाने के लिए।

pH पेपर या pH मीटर

मिट्टी का pH मान जानने के लिए (यदि उपलब्ध हो)।

मिट्टी परीक्षण किट

पोषक तत्वों की जांच के लिए (यदि प्रयोगशाला किट हो)।

प्रयोगशाला भेजने के लिए अतिरिक्त सामान

पॉलीथीन बैग

फार्म भरने का कागज

शुल्क (यदि लगे)