1. विभिन्न कीटों व रोगों के लिए बीज उपचार

2 जुलाई 2021

बीजोपचार

उद्देश्य: 

फसलों के विभिन्न कीटों तथा रोगों के लिए बीजोपचार सीखना।

हमने इसमें, बीजउपचार के अलग अलग प्रकार देखें।

  1. शुष्क बीज उपचार 
  2. तरल बीजउपचार

इस practical में हमने मेथी बीज का इस्तेमाल किया था। इसके लिए हमने Trichoderma, गुड़ और Bavistin का इस्तेमाल किया था।

बीजउपचार के जरिये हम बीज प्रस्तुपति को तोड़ सकतें हैं। इसमें हमने बीज के प्रकृति, प्रसुप्ति के कारण समझे, उपचार के प्रकार सीखें, उपचार का अवधि और अंकुरण का समय का भी जानकारी ली।

बीजउपचार के जरिये, मृदा जनित तथा बीज जनित रोगों से होने वाली हानियों को कम कर सकतें है।

बीज  उपचार से बीज की अंकुरण को तीव्र कैसे करते है इसके बारें सीख लिए।

2. फसलों के लिए सिंचाई की रूपरेखा बनाना

2 जुलाई 2021

फसलों के लिए सिंचाई की रूपरेखा

   हमने इस प्रैक्टिकल में, मैदानी फसलों को सिंचाई कैसे करते हैं इसके बारे में जानकारी ली।

इसमे हमने विमुक्त अफ्लावन विधि, सीमा पट्टी आपलवन नाली सिंचाई विधि, बेसिन प्रणाली, टपक विधि तुषार विधि का प्रगोग सीखें।

इसमेंसे हमने टपक विधि का इस्तेमाल किया। इसके लिए हमने 451 फुट का इनलाइन लेटरल लाइन का इस्तेमाल किया। हमने यह लाइन मलबेरी पौधों में इनस्टॉल किया। इसमे हमने ग्रोमेट, टेकअप, एन्ड कैप का इस्तेमाल किया।।

टपक विधि के जरिये हम पानी का बचाव कर सकते हैं।

मैंने इस दौरान, जल के सरंक्षण तथा अछि फसल की अच्छी वृद्धि के लिए सिंचाई विधि का चयन तथा उसका रूपरेखा अत्यंत आवश्यक है। इसके अलावा हमने टपक तथा फव्वारा प्रणाली की रूपरेखा तथा उसका प्रारूप तैयार की और इसके प्रचलन में विशेषज्ञता प्राफ्त करने की खोशिस की।

3. खरपतवार नियंत्रण की विधियों का अभ्यास

2 जुलाई 2021

खरपतवार नियंत्रण

इस प्रक्टिकल में हमने खरपतवार कैसे नियंत्रित करते हैं इसके बारे में जानकारी ली।

इसके लिए हमने खुरपी, फावड़ा तथा खरपतवार नाशक का इस्तेमाल किया। इसके परिणाम, पौधों की अच्छी बढ़वार एवं उपज होने में मदत हुई और पौधों का गुणवत्ता में अच्छे परिणाम नजर आये।

4. विभिन्न रोगों और कीटकों से प्रभावित फसलों के नमूनों का पहचान करना।

3 जुलाई 2021

विभिन्न रोगों और कीटकों से प्रभावित फसलों के नमूनों का पहचान

इसमें हमने, रोगों से प्रभावित फसली पौधों के नमूने एकत्र किया और रोगोंको पहचान करने की कोशिश की। इसके लिए हमने मिर्ची, कैप्सिकम और पालक सब्जियों के पौधों का इस्तेमाल किया।

इसके दौरान हमने, लीफ माइनर, पत्तों को खाने वाले कीटकों का और अलग अलग भिमारियो का पहचान किया।

इस प्रैक्टिकल से हमने, रोग और उसके संक्रमण की पहचान करना और उनके प्रभावपूर्ण नियंत्रण कैसे करते है इसके बारे में सीखा। इसके साथ साथ, हमने कीटों तथा उनके ग्रसन की पहचान करके उनका प्रभावपूर्ण नियंत्रण कैसे करते हैं इसके बारे में सीखा।

5. किटकनाशक तैयार करना व उनका छिड़काव करना

3 जुलाई 2021

किटकनाशक तैयार करना व उनका छिड़काव करना

हमने कैप्सिकम में आये रोगों एवं कीटकों को कंट्रोल करने के लिए किटकनाशक का इस्तेमाल किया। इसके लिए हमनें 16 ली. पानी मे 16 मिली किटकनाशक मिलाया और पौधों में स्प्रे किया।

इस प्रैक्टिकल से हमनें, कीटनाशकों का सही मात्रा में कैसे करे इसके बारे में जानकारी ली ताकि, मनुष्य तथा कीटो के प्राकृतिक शत्रुओं पर इसका प्रतुकुल प्रभाव न पड़ें।

6. फसल की उत्पादन लागत:

4 जुलाई 2021

इसमें हमने, फसल की उत्पादन लागत कैसे निकलते हैं इसके बारे में सीखा।

फसल की उत्पादन लागत

हमने कैप्सिकम फसल का उत्पादन लागत निकाले। इसमे कुल लागत 3805.18 रुपये लगें। इसमे, लेटरल लाइन, सबमेन पाइप, ग्रोमेट, टेकअप, कैप्सिकम के छोटे पौधे इत्यदियों का लागत निकाले हैं। इससे हम निष्कर्ष लगा सकते हैं कि, किसी भी फसल की खेती की लाभप्रदता का पता लगाने के लिए वित्तीय दृष्टिकोण से कृषि संबधी कार्य के बारे में रिकॉर्ड रखना अत्यंत आवश्यक हैं।

Sr.noMaterialQtyRateTotal
(Rs
1सबमेन पाईप४१ ft.Rs. २०/ft८२०
2लेटरल लाइन१३०.९० मी.Rs १०/मी.१३०९.०९
3ग्रोमेटRs. ५/नग४५
4टेक-अपRs. १०/नग९०
5एंड कैप Rs. ५/नग४५
6पौधें२९४Rs. २.५/पौधा७३५
7लेबर चार्ज (२५%)७६१
Total३८०५.१८ /-
फसल की उत्पादन लागत

7 . पौध प्रवर्धन संबंधी कार्यों का अभ्यास

2 जुलाई 2021

पौध प्रवर्धन संबंधी कार्यों का अभ्यास

 इस प्रैक्टिकल में हमने वी विभिन्न पौध प्रवर्धन प्रक्रियों को समझने की कोशिश की।

पौध प्रवर्धन में, छाट कलाम( leaf cutting)  करना जरूरी होती हैं। हमने, छाट कलाम, जस्वन्द गुलाब में किये। इसके बाद, उसके बाद दाब कलाम हमने पेरू में किए। । इसके बाद, हमने कलिकायन ( budding) गुलाब में किए। इसके अलावा, कलाम बांधना सीखे। 

इस प्रैक्टिकल का इस्तेमाल हम उपयोगी पौधों की संख्या में वृद्धि करने के लिए ऊपर दिए गए प्रवर्धन का उपयोग हो सकता हैं।

8. पौधशाला संबधी कार्यों का अभ्यास 

3 जुलाई 2021

पौधशाला संबधी कार्यों का अभ्यास 

पौधशाला में नियमित रूप से विभिन्न प्रकार के कार्य किये जाते हैं। इसमे पॉलीथिन की थैलियाँ एवं गमलों को भरना, पौधों को स्थानांतरित करना, पौधों को पानी देना आदि कामों के बारे में हमने इस प्रैक्टिकल में सीखा।

9. ग्रीनहाउस संबधी कार्यों का अभ्यास 

3 जुलाई 2021

ग्रीनहाउस संबधी कार्यों का अभ्यास 

इसमे हमने बढ़वार माध्यम कैसे तैयार करते हैं इसके बारे जानकारी लिये। क्यारियाँ कैसे तैयार करते हैं इसके बारे में जाने। पौध रोपण, डंडी लगाना, सिंचाई का ग्रीनहाउस में कैसे उपयोग करें इसके बारे में भी जानकारी लिए।इसके बारे में सारे रिकॉर्ड हमने लिए है।

10. भूसा और चारों की पहचान करना 

3 जुलाई 2021

भूसा और चारों की पहचान करना

हमने इस प्रैक्टिकल में डेयरी पशुओं के भोजन हेतु विभिन्न प्रकार के भूसा और चारा का कैसे इस्तेमाल करते हैं इसके बारे में जानकारी ली। इसमे हमनें सूखा घास और लुसर्न ग्रास के बारे में जानकारी ली। जवार और मकई का सूखा घास को हमने घास कटर के जरिये हमनें काट लिया और इसको गयी को खाने दिया। इसके अलावा हमनें चारा के अलग अलग प्रकार देखे।

  1. शुष्क चारा – सूखी घास
  2. हरा चारा- पेड़ के पत्तियां, लुसर्न ग्रास
  3. सन्द्रित- अनाज तथा बीज
  4. चारा/ भुसा यौगिक- नमक, एंटीबॉयोटिक
  5. गैर परंपरागत चारा- गन्ने के पत्तियां

हमने देखा कि,यह चारा पशुओं को देने के बाद दूध की मात्र में बढ़ावा देखने को मिला।

11. डेयरी पशु का दोहन (मशीन द्वारा)

3 जुलाई 2021

डेयरी पशु का दोहन (मशीन द्वारा)

यह प्रैक्टिकल सीखने का हमारा उद्देश्य यह था कि, दोहन (मिल्किंग) की सही विधि को सीखना तथा मशीन द्वारा दोहन का विधि आए अवगत होना था।

इस प्रैक्टिकल में हमने दोहन के लिए मशीन का इस्तेमाल किया।

मशीन से दोहन के पूर्व हमने,

पशु के थन को पानी से अच्छेसे साफ किए।उसके बाद हमने प्रत्येक स्तनाग्र से पहले दूध की दो या तीन स्ट्रिप निचोड़े। इसके बाद स्तानग्रो पर स्तनाग्र कप लगाए।

उसके बाद मशीन द्वारा उत्पन्न ऋण दबाव के कारण थनो से दूध निकालने लगा। दूध का प्रवाह रुक जाने पर हमने स्तनाग्र को निकाल दिया। 

इससे हमने सीखा की, मशीन द्वारा किया गया दोहन से श्रम बचता है और उच्च दूध उत्पादन वाली नस्ल के दोहन के लिए यह अत्यंत उपयोगी होता है। 

12. दुधारू पशुओं के तापमान का रिकॉर्ड करना

Date: 4 जुलाई 2021

दुधारू पशुओं के तापमान का रिकॉर्ड करना

हमने सबसे पहले थर्मो मीटर को अच्छेसे साफ करवा लिया। उसके बाद हम पशु के पीछे एक ओर कुछ दूरी पर कड़े हो गए। उसके बाद हमने क्लीनिकल थर्मो मीटर को एक या दो झटके देकर उसकी रीडिंग न्युनतम पर लाए। उसके बाद हमनें, थर्मो मीटर को गूदा से अन्दर मलाशय में प्रविष्ट किये और इसको हमने एक मिनिट तक ऐसेही रहने दिए। इसके बाद हमने थर्मो मीटर को बाहर निकाला और तापमान का रीडिंग ली।

पशु का तापमान: 

  1. 100.3 F.
  2. 100.9 F

13. दंतविन्यास के आधार पर पशु की आयु का आंकलन करना

4 जुलाई 2021

दंतविन्यास के आधार पर पशु की आयु का आंकलन करना

इस प्रैक्टिकल में, हमनें दांतों के अध्ययन द्वारा पशुओं की आयु का अनुमान लगाने तथा वी विभिन्न श्रेणियों के पशुओं के दंतविन्यास की पहचान करने की विधि सीखी हैं।

हमने दो पशुओं का दंतविन्यास के आधार पर उनका आयु का आंकलन किया। 

पशु का नाम –

सोनी – दांतों की संख्या: 4 बढ़े और 4 छोटे

           पशु की अनुमानित आयु- 2.5 वर्ष 

सोनम: दांतों की संख्या- 6 छोटे और 2 बढ़े

          पशु की अनुमानित आयु- 2 वर्ष 

इस प्रैक्टिकल से हमनें सीख की, दंतविन्यास के आधार पर ही पशुओं की उम्र का अंदाजा लगाया जाता हैं।

14. शरीर के मापन द्वारा वजन का अनुमान लगाना

4 जुलाई 2021

शरीर के मापन द्वारा वजन का अनुमान लगाना

इस प्रैक्टिकल से हम शरीर के माप की सहायता से पशु के वजन का अनुमान लगाया।

इसके लिए हमने एक रस्सी का इस्तेमाल किया था | इसमें हम पशु की लम्बाई और चौड़ाई के मदत से पशु का वजन का अनुमान लगा सकते हैं|