औजार और उपकरण का उपयोग
प्रेक्टिकल-1
- उपकरण या औजार – (tool) उन युक्तियों को कहते हैं जो किसी कार्य को करने में सुविधा या सरलता या आसानी प्रदान करते हैं। हथौड़ा एक औजार है; इसी तरह टेलीफोन भी एक औजार है। पहले ऐसी मान्यता थी कि केवल मानव ही उपकरणों का प्रयोग करता है एवं उपकरणों के उपयोग करने के फलस्वरूप ही मानव इतना विकास कर पाया।
- हमने वर्कशॉप के सभी औजार और उपकरण के बारे में सिखा
- सभी औजार का उपयोग केसे करते है और की क्या क्या सावधानिया रखनी चाहिए
- मेने सभी औजार का उपयोग किया और थोडा थोडा काम करना सिखा
हमे मापन की जरूरत कहा कहा पड़ती हैं
- किराने की दुकान में
- सब्जी मंडी
- जमीन का मापन
मापन की दो प्रमाणीकरण ही गुणात्मक और संख्यात्मक और फिर सेंटीमीटर से मिलीमीटर में बदलना बताया गया
50.4सेंटीमीटर =504 मिलीमीट
50.4÷100=0.504m सेटिमिटर
और फिर सेटिमीटर से फुट में केसे बदलना है बताया गया
50.4=50.4÷30.48= 1.65 फुट
ऐसा आकार जिसकी पूरी जानकारी के लिए तीन परिमाण प्राप्त होते हैं उदाहरण गेंद, घन, कोन इत्यादि एक आयत की चौड़ाई 10cm और ऊंचाई 5cm हे तो क्षेत्रफल कितना हुआ
क्षेत्रफल = चौड़ाई * ऊंचाई = 10 cm *5 cm = 50 cm
300mm *228=68400
68400=6840=684cm=684=6.84=0.0684
लिस्ट काउंट ____ मापन का करण कम से कम जितना मापन कर सकता है उसको मापन उपकरण का लिस्ट काउंट कहते हैंं
उदाहरण + (42*0.02)
=6+0.84=6.84mm
और उसके बाद हम वर्कशॉप में गए और मेजर टेप करके लोहे को कैसे काटना है सीखा चापशॉप मसीन से केसे काटते हैं सीखा और हमें वर्कशॉप में जाते समय कार्य करते समय कैसे सावधानियां रखनी चाहिए जैसे जो लोहे से हमने मेजर करके काटा तो हमें मशीन चलाते समय सूज गाल्फ्स गोगल पहनना जरूरी है
मापन उपकरण
प्रेक्टिकल-2
मापन – भौतिक विज्ञानों, इंजीनियरी, नियंत्रण, स्वचालन (आटोमेशन) तथा गुणवत्ता सुनिश्चित करने आदि के लिये उपयुक्त भौतिक राशियों के मापन की आवश्यकता होती है जो मापन उपकरणों के द्वारा किया जाता है। … दूसरे शब्दों में मापन एवं मापन उपकरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के मूल हैं।
- आज की क्लास में हमने किसी भी वास्तु के केसे मापा जाता है और क्यू मापा जाता है और मापने के लिए क्या क्या लगता उनके बारे में सिखा
चूडियाँ बनाना और छेद करना
प्रेक्टिकल-3
- हमने आज थ्रेड चूड़ी बनाने को सिखा था
- हमने एक बेलनाकार एक रोड लि
- उसको सबसे पहले हमने साफ कर दी
- उसके उपर आयल लगा दिया
- उसको हमने पकड़ की सहायता से पकड़ा
- और ड्रिल मशीन की सहायता से उसको गोल गोल गुमाए और धीरे धोरे उसको निचे करते गये
- और हमरा ऑब्जेक्ट बन गया
सीमेंट का पोल ब्लाक
प्रेक्टिकल-4
1.हमने सबसे पहले पोल बनाने के लिए सरियो का उस किया
2.सबसे पहले हमने एक पाइप लिया जीतना हमको पोल बना बनाना है
3.हमको छोटा पोल बनाना था
4.उनमे ३ सरिये लिया
5.तीनो को एक त्रिबुज के तरह वेल्डिंग किया
6.फिर हमने सीमेंट और कोंक्रिट बजरी पानी का एक गोल बनाया
7.उस गोल १८ नंबर का था
8.फोट उसको गोल को हमने ठीक तरह से मिला लिया
9.फिर उसके बाद हमने सरिये के त्रिबुज को पाइप केबीच में रख दिया
10.और ऊपर से वो मॉल को उसके अंदर डाल दिया
11.और २४ जानते के बाद उसको हमने खोला तो एक छोटा पोल तैयार हो गया
प्लाईवुड पर सनमाइका चिपकाना
प्रेक्टिकल-5
- हमने एक टेबल बनाई थी और उसके उपर हमने सनमाइका
- सबसे पहले हमने प्लाईवुड पर हमने फेबिकोंल लगा दिया
- उसके बाद सनमाइका उसका जिंतना काट लिया
- और उस प्लाई वुड पर उसको चिपका दिया
- उसके बाद में उसको टेप लगा दिया
- और उसके उपर किल भी लगा दिया
- इससे वो हिलेगी नही अच्छे से चिपक जाएगी
कमरे के लिए भूमि पर नीव का मारक लगाना
प्रेक्टिकल-6
नींव – खुदवाते समय दिशाओं का रखें ध्यान नींव की खुदाई हमेशा ईशान कोण से शुरू होनी चाहिए। ईशान के बाद आग्नेय कोण की खुदाई कराएं। इसी क्रम में वायव्य कोण, वायव्य कोण के बाद नैऋ त्य कोण की खुदाई होनी चाहिए। कोणों की खुदाई के बाद दिशा का ध्यान दें।
- नींव की खुदाई हमेशा पहले कोण और फिर दिशा से करें
- नींव खुदाई से पूर्व भूमि पूजन करना बेहद जरूरी है
- नींव भराई हमेशा खुदाई के विपरीत होनी चाहिए
1.सबसे पहले हमने ४ सरिये लिया ४ डिसओ के लिए
2.हमको एक वर्ग का १० फिर के घर का मारखा करना था
3.तो सबसे पहले हमने रक सरिये को जमीं में गाड़ दिया
4.फिर हमने उस सरिये से १० फिट की एक सीधी लाइन खींची
5.वहाँ पर भी मेने एक सरिया गाड़ दिया २ नंबर वाले सरिये से ३ फिट पर एक टिक मार्क लगया
6.वह से हमने ४५ डिग्री का एक चाप कटा
7.उससे हमने तीसरी दिशा मिल गई और हमने चाप की जगह से १० फिट दूर में तीसरा सरिया भी गाड़ दिया
8.और १ नंबर और ३ नंबर से हमने १० १० फिट का चाप कटा तो ४ नंबर वाले का भी मैप मिल गया
9.और हमने उसके बाद ४ लाइने बना दि
10.और उसके पास में हमने १ फिट दुरी में २ लाइने बना दी ताली घर के आस पास एक गली भी बन सके
वेल्डिंग
प्रेक्टिकल-7
टकाई
प्रेक्टिकल-7
- हमने टकाई के बारे में में सिखा
- सबसे पहले हमने एक मेटल सीट लि
- उसके छोटे छोटे टुकड़े कट करे
- उसको मेने एसिड में डाल दिया और उससे फेल्क्स बनाया
- और फिर हमने सोल्डर के बारे में जाना की उसके ६०% जस्ता पर ४०% जिपस्म होत्ता है
- फिर हमने कडिया के बारे में जाना की वो एक सोल्डरिंग गन की तरह काम करता है
- फिर हमने मेटल को दोनों तरफ से फोल्ड कर दिया और एक दुसरे में फस दिया अच्छे से
- और उसपे हमने थोडा सा फेल्क्स लगया
- उसपे हमने ब्रश से से सफाई की
- और कडिया को हमने गर्म किया
- ओए उस मेटल के पास हमने हमने सोल्डरिंग को पास में रख के कडिया की सहायता से उसको थोडा थोडा लगाया और फेल्क्स भी लगाया
रगाई
प्रेक्टिकल-9
कच्चा लोहा कैसे पेंट करने के लिए कास्ट आयरन एक तेल आधारित धातु प्राइमर और तेल आधारित पेंट के साथ चित्रित किया जा सकता है। यदि लोहा ऑक्सीकरण है या पहले चित्रित किया गया है, तो आपको इसे पेंट करने से पहले इसकी सतह को साफ करना होगा। तेल आधारित पेंट बहुत गंदा हो सकता है और सूखी होने में कई घंटे लग सकते हैं। आप कच्चा लोहा को पेंट करने के लिए स्प्रे पेंट का उपयोग कर सकते हैं। कच्चा लोहा को रंगाने के लिए निम्न चरणों का उपयोग करें
1 . पोलिश पेपर से रगे के स्थान को साफ करना है
2 . रंग करने वाले स्थान को मैप ले
3 . रगे के लिए उचित रंग का चयन किया
- बर्ष को मिटटी के तेल में साफ का ले
- थिनर पोलिश पेपर प्राइमर आदि का प्रयोग करे
- रंग की बूंदो व् सगीतो से बचने के लिए आस पास के स्थान को ढक ले
- रंगाई के बाद को ब्रश रंग वाले पात्र को थिनर से अच्छे से धो ले ताकि वो ख़राब ना हो
बढईगिरी
प्रेक्टिकल-10
कब्जे
प्रेक्टिकल-11
- Explanation: एक काज एक यांत्रिक असर है जो दो ठोस वस्तुओं को जोड़ता है, आमतौर पर उनके बीच केवल सीमित कोण के रोटेशन की अनुमति देता है, टिका स्टील से तांबे तक, विभिन्न प्रकार की सामग्रियों से बनाया जा सकता है, और समान रूप से व्यापक रेंज है। स्टेनलेस स्टील, पीतल, कांस्य, पेवर और तांबे आम काज सामग्री हैं।
1. बट जोड़(But Joints):- बट जोड़ के अंतर्गत निम्न प्रकार के जोड़ सम्मिलित है:-
- सीधा या सरल किनार जोड़ (Straight or Plain-edge Joint):- इसमें दोनों भागों के किनारे को एक साथ वाइस में बांधकर समतल किया जाता है। फिर दोनों सतहों पर सरेस लगाकर चिपका दिया जाता है तथा इनको शिकंजे में कस दिया जाता है। सूख जाने के बाद इसमें मजबूती आ जाती है।
- डावल पिन जोड़ (Dowel Pin Joint):- यह जोड़ सरल किनार जोड़ जैसा ही है परंतु इसमें डावल पिन प्रयोग किए जाते हैं। दोनों भागों को एक सीध में रख रखकर छेद कर दिया जाता है। फिर इसमें डावल पिन पर लगाकर ठोंक दिया जाता है।
- जीभ और खाँचा जोड़ (Tongue and Groove Joint):- इन जोड़ों में एक लंबी खाँच तथा एक लंबी जीभ बनाई जाती है। कभी-कभी दोनों भागों में खाँच तथा जीभ सरेस से जोड़ दिया जाता है। यह जोड़ साधारणतया लंबे तख्तों, विभाजक दीवारों, फर्श तथा ड्राइंग बोर्ड आदि में प्रयोग किया जाता है।
2. लैप जोड़ (Lap Joint):- इस जोड़ के अंतर्गत जोड़े जाने वाले दोनों भाग एक दूसरे के ऊपर चढ़े होते हैं। यह बहुत ही मजबूत जोड़ हैं। यह खिड़कियों तथा दरवाजों की चौखटों और डेस्क तथा दराज़ अधिक में प्रयोग किया जाता है। लैप जोड़ के अंतर्गत निम्न प्रकार के जोड़ सम्मिलित है:-
- कोना चढ़ाव जोड़ (End Lap Joint):- इस जोड़ में चिन्हन गेज से लकड़ी के टुकड़ों पर आधी चौड़ाई पर सेट कर के दोनों भागों की साइड़ों तथा सिरों पर निशान लगाए जाते हैं। निशान लगाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि गेज द्वारा चयनित मोटाई एक टुकड़े पर काटी जाए तथा दूसरे टुकड़े में शेष रहे। यह जोड़ चौखटों या फ्रेमों के कोनों आदि में प्रयोग किया जाता है।
- क्रॉस अर्ध जोड़(Cross Lap Joint):- इसमें पहले दोनों टुकड़ों को चिन्हन चाकू या परीक्षण वर्ग से चढ़ाव चौड़ाई के निशान लगाए जाते हैं। पहले रेशों के लंबवत, चौड़ाई के समांतर गेज लाइन पर दोनों चिन्हों पर आरी से कटाई की जाती है। इस जोड़ का प्रयोग गाड़ियों तथा दरवाजे आदि के फ्रेमों में किया जाता है।
- टी-चढ़ाव जोड़ (T-lap-Joint):- इस टी-अर्ध जोड़ भी कहते हैं। लकड़ी के एक भाग के बीच में तथा दूसरे भाग के एक सिरे को आधा काटकर आपस में जोड़ दिया जाता है।
- डवटेल चढ़ाव जोड़ (Dovetail Lap Joint):- इस जोड़ में एक भाग पर आधी मोटाई में डवटेल तथा दूसरे भाग पर आधी मोटाई में पहले की माप का डवटेल खाँचा खींचा जाता है।
- बेवल-अर्ध जोड़ (Bevel Lap Joint):- यह टी चढ़ाव जोड़ के ही भाँति होता है। परंतु इसके भाग आपस में 90 डिग्री के अतिरिक्त अन्य किसी कोण पर होते हैं।
- पताम जोड़ (Rebate Joint):- इसमें पताम रन्दे की सहायता से दोनों भागों में समान पताम रेशों की दिशा में बनाए जाते हैं। पतामों की गहराई इस प्रकार रखते हैं कि दोनों भागों को सटाकर रखने पर समतल हो जाए।
3. साल तथा चूल जोड़ (Mortise and Tenon Joints):- इन जोड़ों का प्रयोग बढ़ईगिरी में सबसे अधिक किया जाता है। इसमें एक भाग में आयताकार खाँचा बना बनाया जाता है तथा दूसरे भाग में उस खाँचे के समान उभरा तल बनाया जाता है। साल तथा चूल जोड़ निम्न भागों में बांटा गया है-
- Through Mortise and Tenon Joint:- इसमें चूल, साल के अंदर लकड़ी के आर पार पूरी गहराई तक होती है। साल बनाने के लिए दोनों ओर निशान लगाए जाते हैं तथा कटाई की जाती है।
- Blind Mortise and Tenon Joint:- इसमें चूल साल के अंदर लकड़ी के आर पार नहीं होती। अतः साल लकड़ी के एक और ही कुछ गहराई तक बनाई जाती है।
- Hunched Mortise and Tenon Joint:- यह फ्रेम के कोनों पर अधिक सख्ती के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें चूल की लगभग 1/3 चौड़ाई कम कर दी जाती है।
- Grooved Mortise and Tenon Joint:- इसमें दिल्ले आदि फिट करने के लिए इस जोड़ में साल पर खाँचा भी बनाया जाता है। जिसके लिए हल रन्दे की आवश्यकता होती है। कभी-कभी खाँचे के स्थान पर पताम भी बनाया जाता है। इस दशा में यह पतामी साल तथा चूल जोड़ कहलाता है।
- Barefaced Mortise and Tenon Joint:- इसमें चूल एक और ही काटी जाती है।
- Divided Mortise and Tenon Joint:- इसमें चूल दो भागों में विभाजित होती हैं तथा अधिक चौड़ी लकड़ी के लिए प्रयोग किए जाते हैं। यदि चूल दो से अधिक भागों में विभाजित की गई हो तो इसमें पिन जोड़ बनता है और अधिक चौड़े टुकड़ों में प्रयोग किया जाता है।
- इस टेबल पर हमने कब्जे लगाये थे
- और एक रेक लगाया उसमे भी हिन्जलगाया
- उसमे एक लॉक सिस्टम में भी लगया
किप
प्रेक्टिकल-12
1.सबसे पहले हमने ४ सरिये लिया ४ डिसओ के लिए
2.हमको एक वर्ग का १० फिर के घर का मारखा करना था
3.तो सबसे पहले हमने रक सरिये को जमीं में गाड़ दिया
4.फिर हमने उस सरिये से १० फिट की एक सीधी लाइन खींची
5.वहाँ पर भी मेने एक सरिया गाड़ दिया २ नंबर वाले सरिये से ३ फिट पर एक टिक मार्क लगया
6.वह से हमने ४५ डिग्री का एक चाप कटा
7.उससे हमने तीसरी दिशा मिल गई और हमने चाप की जगह से १० फिट दूर में तीसरा सरिया भी गाड़ दिया
8.और १ नंबर और ३ नंबर से हमने १० १० फिट का चाप कटा तो ४ नंबर वाले का भी मैप मिल गया
9.और हमने उसके बाद ४ लाइने बना दि
10.और उसके पास में हमने १ फिट दुरी में २ लाइने बना दी ताली घर के आस पास एक गली भी बन सके
लकड़ी के काम के लिए अल टी जोड़ का प्रयोग
प्रेक्टिकल-13
- टी-चढ़ाव जोड़ (T-lap-Joint):- इस टी-अर्ध जोड़ भी कहते हैं। लकड़ी के एक भाग के बीच में तथा दूसरे भाग के एक सिरे को आधा काटकर आपस में जोड़ दिया जाता है।2
- सर ने हमको जोड़ के बारे में बताया
- सबसे पहले हमने 2 लकड़ी के टुकड़े लिए
- पहली लकड़ी के के बीच में हमने एक छेद किया
- और दूसरी लकड़ी के के सिरे को जितना पहली लकड़ी में छेद किया उतना किता
- और पहली लकड़ी में दूसरी लड़की का सिरा डाल दिया और उपर से उस्मने किल लागा दिया
- और हमरा टी-जॉइंट तयार है
फेरो सीमेंट की वस्तुए
प्रेक्टिकल-14
1.हमने सबसे पहले पोल बनाने के लिए सरियो का उस किया
2.सबसे पहले हमने एक पाइप लिया जीतना हमको पोल बना बनाना है
3.हमको छोटा पोल बनाना था
4.उनमे ३ सरिये लिया
5.तीनो को एक त्रिबुज के तरह वेल्डिंग किया
6.फिर हमने सीमेंट और कोंक्रिट बजरी पानी का एक गोल बनाया
7.उस गोल १८ नंबर का था
8.फोट उसको गोल को हमने ठीक तरह से मिला लिया
9.फिर उसके बाद हमने सरिये के त्रिबुज को पाइप केबीच में रख दिया
10.और ऊपर से वो मॉल को उसके अंदर डाल दिया
11.और २४ जानते के बाद उसको हमने खोला तो एक छोटा पोल तैयार हो गया
- फेरोसिमेंट का मूल परिचय में हम देख रहे है की, फेरो सीमेंट एक नविण्यपूर्ण कॉन्क्रीटयुक्त बांधकाम है. इस में सीमेंट मॉर्टर , मेटल रॉड ( धातु ), और जाली बनके उपयोग में लाते है. वेल्डमेश और चिकनमेश फेरो सीमेंट के अंदर अपनी संरचना का उपयोग करते हैं.
- इसके बारे में सर ने हमको बताया की फेरो सीमेंट से हम भुत कुछ सामग्री बना सकते है
फेरो सीमेंट के टेंक
प्रेक्टिकल-15
फेरोसिमेंट का मूल परिचय में हम देख रहे है की, फेरो सीमेंट एक नविण्यपूर्ण कॉन्क्रीटयुक्त बांधकाम है. इस में सीमेंट मॉर्टर , मेटल रॉड ( धातु ), और जाली बनके उपयोग में लाते है. वेल्डमेश और चिकनमेश फेरो सीमेंट के अंदर अपनी संरचना का उपयोग करते हैं.
- फेरो सीमेंट से हम बहुत कुछ सामग्री बना सकते है
- और आज हम इससे एक टेंक बनाने की विधि के बारे में जाने है
- राउंड बार के चार भाग दिए गए मेंझरमेंट में छन्नी से काटे.
- चार भाग को दिए गए काटकोण में वेल्डिंग करे.
- दिए गए माप से चिकनमेश काटे.
- बादमे चिकनमेश को फ्रेम के ऊपर बाइंडिंग वायर से बांध ले.
- रेती ,सीमेंट और पानी का मिलाव कर के मॉर्टर तैयार करे.
आर सी सी कॉलम
प्रेक्टिकल-16
- आरसीसी – का अर्थ है भवन के मुख्य संरचनात्मक सदस्य, अर्थात, स्लैब, बीम, स्तंभ और नींव प्रबलित सीमेंट कंक्रीट से बने होते हैं। प्रबलित सीमेंट कंक्रीट के लिए खड़ा है, जो सादे सीमेंट कंक्रीट के लिए उपयोग किया जाता है या सीमेंट के मिश्रण को स्टील बार के साथ प्रबलित किया जाता है।
- हमने एक अर सी सी का एक कॉलम बनाया था
- सबसे पहले हम एक पात्र लेगे
- उसमे हम सीमेंट डाले
- उसमे पानी मिलाये
- छोटे छोटे क्रिसटल डाले
- सबको अच्छे से मिला दिए
- उस घोल को हम कोलम मशीन में डाल दिए
- 24 घंटे के बाद में उसको उस मशीन में से निकाल दिए
- हमरा आरसीसी कालम तैयार