बायोगॅस
बायोगॅस के दो प्रकार
1. तैरते ड्रमनुमा (फ्लोटिंग ड्रम) टाइप बायोगैस संयंत्र
के. वी. आई. सी. बायोगैस संयंत्र
प्रगति बायोगैस संयंत्र
2. स्थिर गुम्बदनुमा (फिक्स ड्रम प्रकार का बायोगैस संयंत्र)
दीनबंधु बायोगैस संयंत्र
जनता बायोगैस संयंत्र
खाना बनाने में – बायोगैस में मीथेन (55 से 60 प्रतिशत), कार्बनडाईऑक्साइड (35 से 40 प्रतिशत) और अन्य गैस होती है। मुख्यतः इसका उपयोग खाना बनाने में होता है। इसके लिए सिंगल बर्नर व डबल बर्नर काम के लिए जाते हैं।
कृत्रिम श्वसन
इसका मतलब यह होता है कि जब कोई इन्सान खुद साँस नहीं ले पा रहा है या खुद से साँस लेने की कोशिश नहीं कर रहा है (ये धड़कते ह्रदय या {2 } हृद्फुफ्फुसीय पुनर्जीवन बीमार लोगों के लिए भी) तब हम ये प्रक्रिया करते है।
- मुँह से मुँह – इसमें बचने वाले का मुह रोगी के मुहं से जोड़ के वायु रोगी के शारीर में भेजी जाती है।
- नाक से मुँह – कुछ स्तिथियों में, बचानेवाला रोगी के नाक के साथ एक सम्बन्ध करता हैं। इसके कुछ विशेष कारण है ऊर्ध्वहनु घातक जिसमें विधि को पानी में या मुंह पे बचे उलटी में किया जाता है
- मुंह से मुंह और नाक – शिशुओं पर प्रयोग किया जाता है (आमतौर पर लगभग 1 वर्ष तक), यह सबसे प्रभाव शाली विधि है।
- मुँह से नकाब – ज्यादातर संगठनों में बचानेवाला और मरीज के बीच अवरोध का उपयोग किया जाता है ताकि पार-संक्रमण जोखिम न हो।
वायर गेज
वायर गेज का प्रयोग तार (wire) की मोटाई जाँचने के लिए किया जाता है।
झिर्रियों का साइज 0.25 मिमी से 5.0 मिमी तक मीटरी पद्धति में लगातार बढ़ते हुए क्रम में होता है। अमेरिकन स्टैण्डर्ड वायर गेज में एक गेज (0.2893 ) से 36 गेज (0.005 ) तक लगातार घटते क्रम में होता है। यहाँ यह ध्यान देना चाहिए कि गेज साइज बढ़ने पर शीट या तार की वास्तविक मोटाई घटती है।
अर्थिंग
जमीन के अंदर 2–3 मीटर गहरा गर्त बनाकर उसमें तांबे या लोहे का तार/टुकड़ा जमीन में डालने के बाद उसमे जोड़ा गया तार पूरे परिपथ(सिस्टम) में जोड़ा जाता हैं,
अर्थिंगचे प्रकार
1. Strip and wire Earthing (स्ट्रिप और वायर अर्थिंग)
2. Pipe Earthing (पाइप अर्थिंग)
3. Rod Earthing (रोड अर्थिंग)
4. Plate Earthing (प्लेट अर्थिंग)
5. Coil Earthing (कॉइल अर्थिंग)
सोलर प्लेट जोड़नी
सोलर सेल से मिली इलेक्ट्रिक ऊर्जा को सोलर इन्वर्टर के द्वारा घरेलू उपकरणों को चलने में किया जाता है, तथा बैटरी में संचित करके रख सकते है।
1kw चा सोलर सेट साठी 12 d w किंवा 108 डी जाना लगते ।
सोलर कुकर
वह उपकरण है जो खाना पकाने के लिये सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करता है।
सोलर कुकर में पका हुआ खाना पोषक होता है। इसमें पारंपरिक खाना पकाने के साधनों की तुलना में प्रोटीन की मात्र 20 से 30 प्रतिशत अधिक होती है।
धुआं रहित चूल्हा
ग्रामीण क्षेत्रों में, घरेलू उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाने वाली कुल ऊर्जा का 80% खाना पकाने के लिए उपयोग किया जाता है। गाँव में लोग वर्षों से चूल्हे का उपयोग कर रहे हैं लेकिन इन चूल्हों की दक्षता कम है। यहां तक कि पारंपरिक स्टोव की क्षमता में 1% की वृद्धि से भी प्रति वर्ष लाखों टन लकड़ी की बचत होगी।
फायदे :
धुआ की समस्या काम होती है|
ईंधन और ऊर्जा की बचत होती है|
श्वसन के आजार कम होते है|
9 ) motivandi
Hp / Κω 6-83.0/22
Rtate
CRI Panbudi
Duty 51 50 Hz
model CS5 18
DR. Siz 50
nin submergece Lom
over Als Efficiency 44%
Current – 15 A Speed 2880 Rpm
mopor; type = GSR
Head (m) Dis (PPS) Stages Refisty
Range 16/30 Site No. 10419 J16337
29
L
Starting =1-12 28 1-10 1-8 1-6
single phase
Raded 20
Ref is -14220
Sil. No. 10419 J16337
रनिंग 437
= 486
Stdrotnimg | 1-12 | 1-0 | 1-8 | 1-6 |
28 | 29 | 8 | 7 | |
28 | 28 | 7 | 7 | |
1-12 | 1-10 | 1-8 | 1-6 | |
20 | 20 | 15 | 17 | |
21 | 21 | 15 | 15 |
वजन = स्टाटोग = 360
Starting =1-12 28