Practical .. no _ 1 )
प्रेक्टिकल का नाम : – इलेक्ट्रिकल सेफ्टी
बिजली का कार्य करते समय सेफ्टी के आवश्यक सामानों
का उपयोग करना चाहिए जैसे कि : –
( 1 ) हाथों में दस्ताने पहने
( 2 ) हेलमेट लगाएं
( 3 ) सेफ्टी बेल्ट पहने
( 4 ) इंसुलेटेड जूते पहने
( 5 ) इंसुलेटेड हजारों का उपयोग करें
( 1 ) हाथों में दस्ताने पहने : – जब 90 Volt से अधिक वाली
Supply पर कार्य करने की आवश्यकता हो तो हाथों में
दस्ताने अवश्य पहनना चाहिए रबड़ से बने दस्ताने हमें
तारो में Leakage या अन्य प्रकार के विद्युत झटके से
दस्तानों की पैरा भेज दो सामर्थ्य अलग-अलग होती है अतः
अलग-अलग Voltage पर कार्य करते समय उचित दस्तानो
का उपयोग अवश्य करना चाहिए
( 2 ) हेलमेट लगाएं : – जब कोई भी व्यक्ति लाइन पर कार्य
करें या किसी ऐसे स्थान पर कार्य करना आवश्यक हो जहां ओवरहेड
पर कोई कार्य प्रगति पर हो तो हमें हेलमेट का उपयोग करना चाहिए
इससे हमारे सर पर यदि गलती से कुछ गिर जाए तो सर की सुरक्षा
हो सकती हैं
( 3 ) सेफ्टी बेल्ट पहने : – जब कभी बिजली के पोल या खम्भे
पर कार्य करना आवश्यक हो तो सेफ्टी बेल्ट का प्रयोग अवश्य
करना चाहिए सेफ्टी बेल्ट के उपयोग से ऊंचाई पर कार्य करना आसान
होता है इस लिए सेफ्टी बेल्ट अवश्य पहने
( 4 ) इंसुलेटेड जूते पहने : – कार्य करते समय हमारे हाथों से तार
छूट कर पैरो पर गिरते हैं तो इंसुलेटेड जूते इस दुर्घटना से बचा सकते है
( 5 ) इंसुलेटेड औजारों का उपयोग करें : – इलेक्ट्रिक टूल्स
बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं यदि हम उच्च परबैधुत सामर्थ्य वाले
इंसुलेटेड टूल्स का उपयोग करते हैं बिजली का कार्य करते समय
विद्युत झटके से बच सकते हैं
प्राथमिक उपचार : –
( 1 ) कृत्रिम श्वसन : – किसी व्यक्ति को करंट लगने के बाद
सांसे धीमी हो जाती हैं तो उस व्यक्ति पहले सीधा लिटा कर उसके
सीने पर अपने दोनों हाथो से उसके सीने पर जोर देना चाहिए
ताकि उसकी सांस फिर से उसी अवस्था मे चलने लगे
Practical .. no _ 2 )
प्रेक्टिकल का नाम : – इलेक्ट्रिक टूल्स
इलेक्ट्रीशियन द्वारा उपयोग किए जाने वाले औजार
जब हम कही भी इलेक्ट्रिक का काम करते है तो हमारे पास
इलेक्ट्रिक टूल्स का रहना बहुत ही जरूरी होता है जैसे कि : औजार
( 1 ) पलाश ( Plires )
( 2 ) पेचकस ( Screw Driver )
( 3 ) लाइन टेस्टर
( 4 ) स्टैंडर्ड वायर गेज
( 5 ) हथौड़ा ( Hammer )
( 6 ) आरी ( Hack shaw )
( 1 ) पलास क्या होता है : – यह सबसे ज्यादा इलेक्ट्रीशियन
द्वारा उपयोग किया जाने वाला औजार है यह वायर को काटने आपस
मे जोड़ने , पकड़ने या उसके ऊपर लगे हुए इंसुलेट को हटाने में उपयोग
किया जाता है इस औजार के बिना इलेक्ट्रिकल का कार्य करना मुश्किल
है पलास को नीचे के चित्र में दिखाया गया है
( 2 ) पेचकस ( Screw Driver ) यह किसी भी इलेक्ट्रिशियन
का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण आवाज आ रहा है या अपने नाम के हिसाब
से ही कार्य करता है इसका मुख्य कार्य स्क्रू को ड्राइव करना होता है
विद्युत बोर्ड या दूसरे सर्किट के स्क्रू को खोलने या बंद करने के लिए
उपयोग किया जाता हैं इसके ऊपरी भाग पर हैंडल लगा होता है
उसपर एक पदार्थ का परत चढ़ा हुआ होता है जिसे इंसुलेशन कहा जाता
है जिससे कार्य करते वक्त बिजली का झटका नहीं लगता है
लाइन टेस्टर
यह विधुत वायर में प्रवाहित होने वाला विधुत धारा के उपस्थिति को करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह देखने में बिलकुल पेचकस के जैसे ही होता है लेकिन यह उससे बिलकुल भिन्न होता है। इसके आंतरिक भाग में एक छोटा सा विधुत बल्ब लगा हुआ होता है जिसका एक सिरा एक प्रतिरोध के मदद से इसके अगले ब्लेड से जुडा हुआ होता है। विधुत बल्ब का दूसरा सिरा एक स्प्रिंग के मदद से अर्थिंग पॉइंट से जुडा हुआ होता है।
जिस फेज की लाइन टेस्ट करना होता है। उस लाइन को टेस्टर से टच करने पर उससे छोटी विधुत धारा ब्लेड से होती बल्ब में जाती है जिससे वह जलने लगता है। जिससे साबित होता है की उस फेज में विधुत धारा प्रवाहित हो रहा है। इसके विपरीत यह बल्ब नहीं जलती है इसका मतलब यह हुआ की उसमे किसी भी प्रकार की विधुत धारा प्रवाहित नही हो रही है। लाइन टेस्टर से छोटे स्क्रू को भी खोलने का कार्य किया जाता है।
स्टैण्डर्ड वायर गेज : – इससे किसी वायर की मोटाई मापी जाती है। चूँकि एक इलेक्ट्रीशियन को बहुत से विधुत उपकरण के साथ कार्य करना होता है। प्रत्येक उपकरण में अलग अलग प्रकार के विधुत वायर का उपयोग किया हुआ होता है। यदि इन वायर के जगह पर दुसरे माप वाली वायर लगा दी जाए तब वह उपकरण बढ़िया से कार्य नहीं करेगा। इस कंडीशन में स्टैण्डर्ड वायर गेज का उपयोग किया जाता है। स्टैण्डर्ड वायर गेज इसके बाहरी छोर पर बहुत सारी पतली पतली खांचे निकली हुयी होती है। जिस वायर की मोटाई नापनी होती है उस वायर को इस खांचे में बरी बरी से डाल के चेक किया जाता है। जिस खांचे में यह फिट बैठता है उस खांचे की नंबर संख्या उस वायर की मोटाई होती हैं
हथौड़ी का प्रयोग किल को दीवाल में गाड़ने,मजबूत चीज को फोड़ने , कठोर वायर को मुड़ाने आदि के लिए किया जाता है। इलेक्ट्रीशियन का काम करने के लिए उपयोग किय जाने वाले हैमर का वजन 500 ग्राम से 1 किलो ग्राम के बराबर होता है।
आरी (Hacksaw)
आरी एक विशेष प्रकार का औजार होता है। इसका उपयोग इंजीनियरिंग के कार्य हेतु बहुत से जगह पर किया जाता है। यह मुख्य रूप से लोहा के पाइप ,पट्टी आदि को काटने के लिए किया जाता है। विभिन्न प्रकार के आरी बाजार में उपलब्ध होता है। आरी का मुख्य फ्रेम होता है जिसमे विभिन्न प्रकार के ब्लेड को लगाकर उपयोग किया जाता है।
Practical .. no _ 3 )
प्रेक्टिकल का नाम : – वायर और केबल के बारे में जानकारी
तार (WIRE) और केबल (Cable) में क्या अन्तर होता है?
तार Wire : जिस चालक Conductor पर किसी तरह का कोई इंसुलेशन नहीं चढ़ा होता है और जिसकी पूरी लम्बाई का व्यास Diameter बिलकुल एक जैसा होता है उसे तार कहा जाता हैं। आपने बड़ी बड़ी बिजली की लाइन देखी होगी पर उन लाइनों के ऊपर किसी तरह का कोई इंसुलेशन नहीं चढ़ा होता है उसे तार कहा जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दे की तारों का इस्तेमाल बिजली को एक शहर से दूसरे शहर तक ले जाने के लिए करते है।
केबल Cable : केबल एक तार ही होता है लेकिन जब उस तार पर इंसुलेशन चढ़ा दिया जाता है तो उस तार को केबल कहा जाता है। बता दे की तार पूरी तरह से खुले हुए होते है जबकि केबल पर पूरी तरह से इंसुलेशन लगा होता है। घरों में हमेशा केबल का ही इस्तेमाल होता हैं न की तार का। केबल का मुख्य भाग चालक (Conductor) होता है जो करंट को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने का काम करता है। केबल पर इंसुलेशन लेयर लगाई जाती है जिससे अगर कोई केबल को छुए तो उसे करंट ना लगे, और इसे वातावरण के प्रभाव (गर्मी, बरसात ) से बचने के लिए भी तार पर इंसुलेशन लगाई जाती है।
वैसे पता चलता है कि तार और केवल में ज्यादा अंतर नहीं है
Practical .. no _ 4 )
प्रेक्टिकल का नाम : – बारिश का पानी मापन करना
बारिश को कैसे मापा जाता है इसके बारे में आज हम सीखेंगे
बारिश वर्षा को मापने के लिए एक खास तरह का यंत्र इस्तेमाल किया
जाता है जिसका नाम रेंगेज है सामान्य तौर पर यह यंत्र खुले और ऊंचे
स्थान पर लगाया जाता है यंत्र को लगाने के लिए जो अस्थान चुना जाता
है उसने इस बात का ध्यान रखा जाता है कि आसपास कोई पेड़ या ऊंची
दीवार ना हो ऐसा करने का खास वजह है कि बारिश का पानी किसी
वस्तु से टकराने के बजाय सीधे इस यंत्र में आकर गिरे जिससे बारिश की
मात्रा को सही तरह से मापा जा सके
रेन गेज मापन यंत्र का आविष्कार साल 1662 में क्रिस्टोफर ब्रेन ने
पहला रेल गेज वर्षा मापी यंत्र बनाया था यह यंत्र सिलेंडर नुमा आकार
का होता है जिसके ऊपरी सिरे पर एक कीप लगी होती है
वर्षा को मापने का तरीका : – कौन से इलाके में कितनी मात्रा में
बारिश हुई हैं इसको हम खुद माप सकते हैं अगर हम से किसी ने पूछा
की बारिश ज्यादा हुआ कि कम हुआ तो हम उन्हे m m मे गिनकर बता
सकते हैं कि आज कितना बारिश हुआ है तो सबसे पहले हम एक बोतल
ढूंढ कर लाए और उसमें ऊपर से बराबर काट दिया काटने के बाद हम
उसमें सीमेंट व बालू का घोल बनाकर रख दिया फिर दूसरे दिन उसमे
पानी को डालकर बारिश के पानी को मापने सिखा यह सब प्रक्रिया
करने के बाद हम वर्षा मापन करना सीखें
हमने वर्षा का मापन किया तो 83 mm वर्षा की मात्रा पता चली
Practical .. no _ 5 )
प्रैक्टिकल का नाम : – वायर गेज मापना
उद्देश्य : – ( 1 ) वायर गेज को मापना सीखना
( 2 ) वायर गेज के फायदे
साहित्य : – वायर गेज , वायर कटर
कृति : – शुरुआत में एक वायर गेज ले फिर तार ले और उसका इंसुलेशन
हटा दें सभी वायर का मोजमाप किया वायर कैसे उसकी मोटाई मापी
गई उसमें से एक तार लिया गया गेज के खांचे में डाल कर देखा
अगर खांचे में बैठ गया तो वायर का उसी खांचे का स्थान होगा इस तरह
से हमने वायर गेज को मापना सिखा
उदाहरण : – 1 / 32 एक बार 32 m m का था
20 / 32 = 20 तार 3h m m
निरीक्षण : – वायर गेज यह जानने में मदद करता है कि कितना m m
का तार लेना है और तारों को मापना जरूरी है
practical .. no _ 6 )
प्रेक्टिकल का नाम : – इंसुलेट हटाना
उद्देश्य : – वायर इंसुलेशन को हटाना सीखना
मटेरियल : – वायर
साधने : – वायर स्ट्रिपर
कृति : – सबसे पहले एक तार ले मास्टर से इंसुलेशन हटाए संचारक
रूप से इंसुलेशन को उतना ही हटाना है जितना जरूरी हो जहां सीर्ष
कबर हटा दिया गया हो वहां पर चिन्हित करें हम समझ गए कि
इंसुलेशन कैसे निकालना है
निरीक्षण : – विद्युत रोधन को हटाते समय इस बात का ध्यान रखना
चाहिए कि अंदर का छतिग्रस्त ना हो आप इससे बहुत कुछ
सीख सकते है
मान्यताएं : – इंसुलेशन हटाने को आना बहुत महत्वपूर्ण है
Practical .. no _ 7 )
प्रैक्टिकल का नाम : – लेबल ट्यूब हाइड्रो मारकर और समोच्च
रेखाएं बनाए
उद्देश्य : – फुट लैब और फील्ड लेबल को हटा दिय
सामग्री : – पर्याप्त पानी
कृति : – सबसे पहले हमने लेवल निकालने के लिए सभी सामग्रियां
इकठी की और लेवल ट्यूब में पानी भरा फिर उसमें से पानी के
बुलबुले निकाले गए लेवल एक सामान है कि नहीं यह देखा गया
फुल लैब के बाजू में सबने मिलकर लेवल निकाला फिर लेवल
13 C आया फिर उसके बाद A ( Fram ) का उपयोग किया
कटुए रेखा निकालने के लिए सामान है कि नहीं यह देखा फिर
हमने एक जैसा ( A Fram ) पकड़ा तो कंटू रेखा भी एक जैसा
सामान आते है
निरीक्षण : – जल स्थिरता का सिद्धांत उपयोगि था और एक स्तर
बनाना सीखा
अनुमान : – लेबल करने के लिए लेवल ट्यूब का उपयोग किया
फिर ( A Fram ) का उपयोग किया समोच्च रेखा खींचने के लिए
Practical .. no _ 8 )
प्रेक्टिकल का नाम : – बायोगैस
उद्देश्य : – बायोगैस बनाना सीखना
सामग्री : – घमेला फावड़ा बाल्टी
प्रक्रिया : – सबसे पहले हमने सारी सामग्री इकट्ठा कर ली
अगर हिसाब लगाया जाए तो हमने गोबर कुल 27 किलो वजन करके
डाला गया फिर पानी को माप कर अष्टकोण में डाला जाता है फिर
फिर गोबर का मिश्रण किया वाह छोटे फावड़े से गोबर को बायोगैस के
अंदर डाला गया
निरीक्षण : – ( 1 ) पानी और गोबर का अनुपात 1 : 1 हैं
( 2 ) मिथुन और CO2 के प्रमाण 45 : 35 रहता हैं
अनुमान : – बायोगैस बनाने के लिए गोबर और पानी का उपयोग
किया जाता हैं और इस तरह से हमने बायोगैस तैयार करना सीखा
Practical .. no _ 9 )
प्रैक्टिकल का नाम : – निर्घुर चूल्हा
उद्देश्य : – निर्गुण चूल्हे के महत्व को समझना
साहित्य : – जलाने के लिए लकड़ी व माचिस
कृति : – सबसे पहले निर्गुण चूल्हे का निरीक्षण किए के बारे में जानकारी
ली और सुरक्षा के बारे में भी जानकारी ली फिर लकड़ी में आग लगाई
गई देखा गया कि आप किस तरह जलता है
निर्घूर चूल्हे के फायदे : –
धुए से तकलीफ नहीं होती है
सांस फूलने व रुकने की भी प्रक्रिया नहीं होती है
इंधन की बचत होती है
ऊर्जा ज्यादा नष्ट नहीं होता है
आग व्यवस्थित रूप से जलता है
Practical .. no _ 10 )
प्रेक्टिकल का नाम : – सौर कुकर
साहित्य : – सौर कुकर ,पानी , चावल , आलू , प्याज , टमाटर , मिर्ची
मशाला , हल्दी , जीरा , तेल आदि
कृति : – ( 1 ) शुरुआत में हमने खिचड़ी बनाने की सारी सामग्री
इकट्ठा कर ली
( 2 ) पहले चावल को साफ किया
( 3 ) फिर आलू प्याज मिर्च को काट ले
( 4 ) फिर कुकर को 5 मिनट के लिए गैस पर रख दें
( 5 ) कुकर गर्म होने के बाद कुकर में सारी सामग्री जैसे _ तेल मिर्च
हल्दी पाउडर जीरा पेस्ट और नमक डालकर रख दें
( 6 ) सभी सामग्रियों को मिलाने के बाद इसे गैस पर रखकर तड़का दे दे
( 7 ) फिर ठीक उसी तरह 5 मिनट के लिए गैस पर रख दें
( 8 ) फिर गैस पर से उतारकर उसे सौर कुकर पर लाकर रख दें
( 9 ) 11 : 30 बजे खिचड़ी रखा 50 value 12:00 बजे उसका
तापमान लेने गए तो 18 डिग्री सेल्सियस तापमान आया
( 10 ) फिर बाद में देखा कि खिचड़ी पक कर तैयार हो चुका था
Practical .. no _ 11 )
प्रैक्टिकल का नाम : – CCTV. Camera
उद्देश्य : – CCTV Camera कैसे जोड़ा जाता है वह कैसे
काम करता है इसके बारे में सीखा
साहित्य : – ड्रिल मशीन हथौड़ी टेबल कलैंप LB, PVC पाइप
खिला Fasune
कृति : – सबसे पहले सीसीटीवी कैमरा का सभी साहित्य एक
जगह पर इकट्ठा किए पुराने एग्रीकल्चर में जो मॉनिटर था
वहां से सभी सामान निकालकर ने एग्रीकल्चर में रखा गया
सीसीटीवी कैमरा पुराने एग्रीकल्चर में से निकाल कर नए एग्रीकल्चर
मैं लगाया गया सुबह में 6 लड़कों ने पीवीसी पाइप लगाया और
और पुराने एग्रीकल्चर से पूरा सेट निकालकर ने एग्रीकल्चर में लाए
व वायरिंग का कार्य उन्हीं 6 लड़कों ने किया फिर दोपहर से हम लोगों ने आकर पाइप को सही तरीके से बैठाया और सीसीटीवी कैमरे का सेटअप किया यह सब करने के बाद कैमरे को चालू करके देखा गया तो कैमरा सही तरीके से चल रहा था
Practical ..no _12 )
प्रेक्टिकल का नाम : – अर्थिंग
उद्देश्य : – वित्त करना सीखना और वित करने के लाभों को समझना
साहित्य : – दिल मशीन आरा कोयला फावड़ा अर्थिंग पाउडर आर्लिंग
पेल्ट PVC पाइप और पानी
क्रिया : – सबसे पहले एक गड्ढा खोदे गड्ढा खोदने के बाद उसमें बाल्टी
से पानी भर दे बाद में अर्थिंग प्लेट PVC पाइप को लगा लिया गया
अर्थिंग वायर के ऊपर अर्थिंग पाउडर डाला गया फिर उसके ऊपर से पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े डालें फिर सब काम होने के बाद गड्ढे में मिट्टी डाला और गड्ढे को पूरा ढक दिया
अर्थिंग के प्रकार : –
पाइप अर्थिंग
प्लेट अर्थिंग
बोर अर्थिंग
Practical .. no _ 13 )
प्रैक्टिकल का नाम : – बोर्ड भरना
साहित्य : – बोर्ड फ्रेम स्विच सॉकेट टेस्टर वायर
कृति सभी साहित्य को पहले इकट्ठा किया फिर उसके बाद switch
और Socket बोर्ड फ्रेम के अंदर लगा कर लिया फिर 3-wire लेकर
के बोर्ड के अंदर लगाया और टेस्टर से उसे फिट किया इस प्रकार से
हमने बोर्ड को भरा और मेन सप्लाई को फ्यूज में दिया
निरीक्षण करना : –
बोर्ड को भरने के बाद सभी को घूम कर चेक किया कि कहीं भी कुछ
छूट तो नहीं गया है या फिर ना टाइट करना भूल तो नहीं गए हैं
या फिर कहीं पर ज्यादा इंसुलेशन तो नहीं निकाल दिया गया है इसका
भी निरीक्षण किया
Practical .. no _ 14 )
प्रैक्टिकल का नाम : – बैटरी का पानी मापना
साहित्य : – हायड्रोमीटर डिस्टिल वाटर मल्टीमीटर
कृति : – सबसे पहले हमने साहित्य को इकट्ठा किया
फिर उसके बाद हम एग्रीकल्चर के गोठे में गए फिर सभी कनेक्शन को
बाद में मल्टीमीटर से वायर का करंट मापा उसके बाद हायड्रोमीटर
लिया वह बैटरी का नेट खोला और हाइड्रोमीटर से पंप करके चेक किया
पंप करने पर उसमें पानी आया उसके बाद हाइड्रोमीटर के अंदर तरंग
नारी एक पट्टी होती है उससे हमे समझ में आता है इस तरह हमे पता
चलता है की बैटरी में पानी कम है यह पता करने के बाद उसने डिस्टिक
वाटर डाला यह सब करने के बाद ठीक उसी प्रकार से हमने नट को टाइट
इसी तरह हमने Soil Lab का जनरेटर चेक किया
बैटरी का आविष्कार : – 1800 ई मैं पहला बैटरी का आविष्कार अलेक्जेंडर व्होल्टने ने किया था
बैटरी के प्रकार : –
( 1 ) ड्राय सेल ( 2 ) लिक्विड बैटरी
Practical .. no _ 15 )
प्रेक्टिकल का नाम : – बिजली बिल निकालना
उद्देश्य : – विद्युत उपकरण एवं अन्य आवश्यक विद्युत सामग्री के बिजली
बिल निकालना
साहित्य : – एनर्जी मीटर , नोटबुक , पेन
कृति : – अपने पने घर के सभी बिजली के उपकरणों की एक सूची तैयार
करें प्रत्येक मशीन की बैटरी निकाल दी गई और एक सूची बनाई की
प्रत्येक गतिविधियां कितने घंटे चलती है
प्रतिदिन प्रत्येक का व्यास किलो वाट घंटे में परिवर्तित हो जाता है
1 R W H = 1000 / वाट
1 K W = 1 यूनिट
अपना बल प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन उपयोग किए जाने वाले यूनिट
को गुड़ा करें और 1 महीने के लिए गय इकाइयों को घटा दें
सूत्र : – वाट × नग × तास = 1000 यूनिट
practical .. no _ 16 )
प्रैक्टिकल का नाम : – प्लेन टेबल सर्वे
उद्देश्य : – जाने की नक्शा और क्षेत्र कैसे बनाया जाता है और इसके लिए
कितनी जगह चाहिए होती है
साहित्य : – प्लेन टेबल , ड्राई मॉड , ड्राइंग पेपर , पेंसिल , टचनी , मीटर
टेप , यू मिट्टी व ओलंबा , ट्यॉफ कपास , एलिटेड पट्टी आदि
कृति : – जिस जमीन के भाग का नक्शा लेना होता है उस भाग में प्लेन
टेबल को फिक्स करके उत्तर दिशा का निर्धारण किया जाता है
ओलंबा की सहायता से एक बिंदु लिया जाता है और टाइप की मदद से
सीधी रेखा कागज पर खींचा जाता है 4 बिंदुओं का मिलान करके
चिन्हित किया फिर मापने के लिए निर्धारित बिंदुओं को मिलाकर एक
नक्शा तैयार किया गया था