टिशू कल्चर (Tissue Culture) एक बायोटेक्नोलॉजी तकनीक है, जिसका उपयोग पौधों और जानवरों की कोशिकाओं, ऊतकों या अंगों को कृत्रिम वातावरण में उगाने और बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया जीवित कोशिकाओं को पौधे या जानवर के शरीर से अलग करके एक विशेष माध्यम में रखा जाता है, जिसमें आवश्यक पोषक तत्व, हार्मोन और अन्य कारक होते हैं, जो कोशिकाओं को बढ़ने और विकसित होने में मदद करते हैं। टिशू कल्चर का उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जैसे:1. नए पौधे बनाने के लिए: पौधों की नई किस्में या क्लोन बनाने के लिए पौधों की कोशिकाओं को कल्चर किया जाता है।2. दवाओं का उत्पादन: कुछ पौधों से बायोएक्टिव यौगिकों का उत्पादन किया जा सकता है, जो दवाओं में उपयोग होते हैं।3. जीवविज्ञान और चिकित्सा अनुसंधान में: जानवरों और मानव कोशिकाओं का अध्ययन करने और नई चिकित्सा तकनीकों को विकसित करने के लिए।4. जीवों की रक्षा और संरक्षण: दुर्लभ या संकटग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण के लिए टिशू कल्चर तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।इस तकनीक का उपयोग फसलों की उत्पादकता बढ़ाने, बेहतर जीन संशोधन और पौधों की बीमारियों से लड़ने के लिए भी किया जाता है।