1]गोठयातील नोंदीचा अभ्यास करणे
सोनम गाय
दिनांक | मुरघास | कडवळ | सुखाचारा | गोळीपेंड | भुस्सा | दूध |
02/02/2023 | 30kg | 6kg | 3kg | 2kg | ||
03/02/2023 | 30kg | 6kg | 3kg | 2kg | 17.3L | |
04/02/2023 | 30kg | 6kg | 3kg | 2kg | 15.5L | |
05/02/2023 | 30kg | 6kg | 3kg | 2kg | 14.8L | |
06/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 15L | |
07/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 17L | |
08/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 16.4 L | |
09/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 14.9L | |
10/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 15.9 | |
11/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | ||
12/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 18.3 | |
13/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 15.7 | |
14/02/2023 | 30kg | 6kg | 3kg | 2kg | 15.4 | |
15/02/2023 | 25kg | 6kg | 3kg | 2kg | 17.7 | |
16/02/2023 | 25kg | 6kg | 3kg | 2kg | 17.8 | |
17/02/2023 | 25kg | 6kg | 3kg | 2kg | 15.8 | |
18/02/2023 | 25kg | 6kg | 3kg | 2kg | 17 | |
19/02/2023 | 28kg | 6kg | 3kg | 2kg | 16.3 | |
20/02/2023 | 24kg | 6kg | 3kg | 2kg |
गौरी गाय
दिनांक | मुरघास | कडवळ | सुखाचारा | गोळीपेंड | भुस्सा | दूध |
02/02/2023 | 30kg | 6kg | 3kg | 2kg | 13.7 | |
03/02/2023 | 30kg | 6kg | 3kg | 2kg | 14.2 | |
04/02/2023 | 30kg | 6kg | 3kg | 2kg | 16.8 | |
05/02/2023 | 30kg | 6kg | 3kg | 2kg | 17.8 | |
06/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 16 | |
07/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 15 | |
08/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 16 | |
09/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 16 | |
10/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 16.3 | |
11/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | ||
12/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 16.5 | |
13/02/2023 | 50kg | 6kg | 3kg | 2kg | 16.7 | |
14/02/2023 | 30kg | 6kg | 3kg | 2kg | 14.5 | |
15/02/2023 | 25kg | 6kg | 3kg | 2kg | 11.5 | |
16/02/2023 | 25kg | 6kg | 3kg | 2kg | 15.1 | |
17/02/2023 | 25kg | 6kg | 3kg | 2kg | 14.3 | |
18/02/2023 | 25kg | 6kg | 3kg | 2kg | 13.9 | |
19/02/2023 | 28kg | 6kg | 3kg | 2kg | 10.8 | |
20/02/2023 | 24kg | 6kg | 3kg | 2kg |
पोल्ट्री
Date | no. of Birds | Feed Consumption | Weight | single Birds Weight | single Birds Weight | F.C.R | Cost Per Birds | Medicine |
शेळी
दिनांक | कडवळ | ह . काड | खुराक | वजन वाढ |
21/02/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
22/02/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
23/02/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
24/02/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
25/02/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
26/02/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
27/02/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
28/02/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
01/03/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
02/03/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
03/03/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
04/03/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
05/03/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
06/03/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
07/03/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
08/03/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
09/03/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
10/03/2023 | 11.5 kg | 2700 gm | ||
11/03/2023 | 11.5 kg | 2700 gm |
2] मुरघास तयार करणे
उद्देस = मुरगास तयार करण्यास शिकणे
साहित्य =मका,विळा,कुट्टि मशीन,कल्चर,केबल टाय,सेलोटेप,टप,बादली,प्लॅस्टिक पिशवी,rumiferam
कृती = 1) सर्वप्रथम साहित्य गोल करणे
2) शेतातून मक तोंडणी
3) तोंडलेला मका कुटी मशीन जवळ आणणे
4) मक्याचे 1ते 2 cm अंतराचे तुकडे करणे
5) rumiferam पावडर 1 टप मक्याची कुटी मध्ये मिक्स करणे
6) नंतर पिशवीत 2 बादल्या कुटी टाकून 1 मुठी कल्चर टाकणे व पायाने दाबने
7) ही प्रक्रिया पिशवी भरे पर्यंत करणे
8) नंतर पिशवीला केबल टाय व सेलो टेपणे सील पॅक करणे
9) गोठ्यात एका जागी ठेवणे
अनुभव = मका तोंडतान आम्हाला भरपूर अंगाला खाज येत होती
3] प्राण्यांचे अंदाजे वजन काढणे.
उद्देश =अंदाजे वजन काढणे
साहित्य = मीटर टेप , पेन , वही
कृती :- वजन काढण्याच्या दोन पद्धती
1) वजन काटा :- प्रत्येक शेळीला एक एक करून वजन काट्यावर ठेवून काढले. त्यामध्ये शेळ्यांचे वजन, करडांचे वजन व आफ्रिकन बोरचे वजन काढले.
2)सूत्र :- मीटर टेपच्या मदतीने गाईच्या पुढच्या पायापासून ते शेपटीपर्यंत गाईची लांबी मोजली. मग गाईच्या छातीचा घेरा मोजला. व सूत्राच्या मदतीने गाईचे अंदाजे वजन काढले.
सूत्र :- 1) वजन = छातीचा घेरा × लांबी ÷ Y
2) वजन = छातीच्या घेऱ्याचा वर्ग × लांबी ÷ 666
अ. क्र | शेळ्यांची नावे | वजन |
1] | कान टोचलेली काळी | 42.2 kg |
2] | न कान टोचलेली काळी | 29 kg |
3] | पांढरी शेळी | 36.9 kg |
4] | आर्मी कलर | 21.2 kg |
5] | तांबडी शेळी | 36.8 kg |
6] | छोटी काळी | 15.2 kg |
7] | मान वाकडी | 34 kg |
8] | आफ्रिकन बोर | 39.4 kg |
अ. क्र | करडांची नावे | वजन |
1] | A1 | 4.2 kg |
2] | A2 | 4.2 kg |
3] | B1 | 4 kg |
4] | B2 | 4.3 kg |
5] | C1 | 5.3 kg |
6] | C2 | 4.7 kg |
अ. क्र | गाईंची नावे | वजन |
1] | गौरी | 605 kg |
2] | सोनम | 411 kg |
3] | लक्ष्मी | 76.37 kg |
4]शेतीच्या मोजमापकांचा अभ्यास करणे
उद्देश :- शेतीच्या मोजमापकांचा अभ्यास करण्यास शिकणे .
साहित्य :- मीटरटेप
1) 100 m = 328 ft. 1inch
2) 700 Ft. = 213.36 m
3) 1गुंठा = 33*33 = 1089 sq. ft.
4) 40 गुंठे = 1 एकर
5) 1 एकर = 43560 sq. ft.
6) 2.5 एकर = 1 हेक्टर
7) 1 हेक्टर = 108900 sq. ft.
5] रोपे लागवडीची संख्या ठरवणे
उद्देश :- रोपे लागवडीची संख्या ठरवता यावी .
साहित्य :- मिटरटेप
रोपांमधील अंतर समान असल्यावर :-
- हवा ( वातावरण ) खेळती राहते .
- सर्व रोपांना सूर्यप्रकाश मिळतो .
- वाढ चांगल्या प्रकारे होते .
रोपांची संख्या = क्षेत्रफळ / रोपांची अंतर
उदा ., केळी = 1.5 m * 1.5 m या अंतरावर ( संख्या जर ft. मध्ये असेल तर
1 एकर = 43560 sq. ft. ती cm. m. मध्ये करणे )
1 एकर = 13200 m
= 43560 / 1.5*1.5
= 13200 / 2.25 = 5860 रोपे
6] पिक लागवडीसाठी जमीन तयार करणे .
उद्देश :- पिक लागवडीसाठी जमीन तयार करण्यास शिकणे .
साहित्य :- मिटरटेप , फावडा , कोळप
कृती ;- 1) जमीन निश्चित करणे
2) जमीन स्वच्छ करणे .( दगड , प्लॅस्टिक , गवत )
3) शेताची फणपाळी करून जमीन समतोल करणे .
4) पिकाच्या प्रकारानुसार सरी , सऱ्या , गादी , वाफे , बेड तयार करणे .
5) पाणी देण्याची सोय करणे ( पाट , तुषार सिंचन , ठिबक सिंचन )
1 ओळ = 72 फुट 1 ओळ = 2160 सेमी .
2 बियांमधील अंतर = 20 सेमी .
एक ओळीतील बियांची संख्या = 2160 सेमी ./ 20 =108 बिया
तर 15 ओळीतील बिया = 108 * 15 = 1620 बिया
7] पिकांना लागणारे अन्नद्रव्ये
अन्नद्रव्ये | अन्नद्रव्यांच्या कमतरतेमुळे दिसून येणारी लक्षणे | उपाय |
नत्र | झाडाची खालची पाने पिवळी होतात . मुळाची व झाडाची वाढ थांबते , फुट व फळे कमी येतात . | 1% युरियाची फवारणी करावी ( 100gm + 10 ltr पाणी ) |
स्फुरद (फॉस्फरस) | पाने हिरवट लांबट होवून वाढ खुटते , पानाची मागील बाजू जांबळट होते . | 1% डायअमोनियम फॉस्फेटची फवारणी करावी |
पालश | पानांच्या कडा तांबडसर होवून पांनावर तांबडे व पिवळे ठिपके पडतात . खोड आखूड होवून शेंडे गळून पडतात . | 0.5% सल्फेट ऑफ पोटेशची फवारणी करावी . ( 50 gm + 10 ltr पाणी ) |
लोह | शेंड्याकडील पानांच्या शिरामधील भाग पिवळा होतो . झाडांची वाढ खुटते . | 25 kg फेरस सल्फेट जमिनीतून शेण खतासोबत देणे . |
बोरॉन | झाडाचा शेंडा व कोवळी पाने पांढरटहोवून मरतात . सुरकुत्या पडून पिवळे चट्टे पडतात . फळावर तांबडे ठिपके पडून भेग पडतात . | 2हेक्टरी 10 ते 20 kg झिंक सल्फेट जमिनीतून शेणखतासोबत देणे . |
जस्त | पाने लहान होवून शिरमधील भाग पिवळा होतो व पाने ठिकठिकाणी वाळलेले दिसतात . | हेक्टरी 10 ते 20 kg झिंक सल्फेट जमिनीतून शेणखतासोबत देणे . |
मंगल | पानांच्या शिरा हिरव्या व शिरामधील भाग क्रमाक्रमाने पिवळा होतो व नंतर पांढरट व करडा होतो . संपूर्ण पान फिकट होवून नंतर पान गळते . | हेक्टरी 10 ते 25 kg मॅगेनीज सल्फेट जमिनीतून शेणखतासोबत द्यावे . |
मॉलीब्डेनम | पाने पिवळी होवून त्यावर तपकिरी ठिपके पडतात . पानाच्या मागच्या बाजूने तपकिरी डिंकासारखा द्रव्य | |
तांबे | ||
गंधक |
8] वनस्पती सौरक्षक उपकरणांचा वापर आणि उपयोग
उद्देश :-वनस्पतींना फवारणी करण्यास शिकणे
साहित्य :-पंप ,( पोलिट्रिन 10 ml= 10 लिटर पाणी )
- फवारणी करताना घेतली जाणारी काळजी :-
- औषध फवारणी आधी पंप स्वच्छ धुऊन घ्यावा
- पाणी व औषधाचे प्रमाण निश्चित करून घ्यावे
- फवारणी करताना पंपाचे नोझल पूर्णपणे काम करते का हे पाहाव
- फवारणी करण्यापूर्वी हॅन्डग्लब व मास घालावा
- फवारणी करताना केले जाणारे द्रावण अंगावर उडू नये याची काळजी घ्यावी
- फवारणी करून झाल्यावर पंप पुन्हा स्वच्छ धुऊन जागेवर ठेवावा
- फवारणीच्या वेळी धूम्रपान आणि मद्यपान करण्यास टाळावे.
- पंपाचे प्रकार :-
- Power duster
- Hand sprayer
- Knapsack sprayer
- Knapsack power sprayer
- Hand operate power sprayer
निरीक्षण :- स्प्रे पंपाचे सर्व भाग फवारणी आधी तपासावे
9] पिकाला पाणी देण्याच्या पद्धती
पृष्ठभागावर पाणी देणे
- मोकळे पाणी सोडणे
- सपाट वाफ्यात पाणी सोडणे
- सार पद्धतीने पाणी सोडणे
निरीक्षण :- जागा :-
प्लॉट नंबर 4 ( वेळ:- 12 mi )
water :-3600 lit
तुषार सिंचन:- size:- 4×4 feet,15×15feet,45×45feet
कमतरता:- dry spot
2) हवा :- हवेमुळे रेनगनचे पाणी दुसऱ्याच्या शेतात जाऊ शकते
3) ऊन:- जे बारीक थेंब आहेत ते उन्हामुळे त्यांचे बाष्पीभवना मध्ये रूपांतर होते
4) 25% पाणी वाया जाते
10]लेअर पोल्ट्री अर्थकारण
उद्देश :- लेअर पोल्ट्री अर्थकारण पाहण्यास शिकणे .
जागा :- ३२*12 फुट चे शेड व बांधकाम .
बांधकाम खर्च :- प्रमाण : 1:३ मोर्टर (३*४*९ ) इंचाच्या इटा =१३०० =१०४०० रुपये
वाळू (कच ) =०.२४२ ब्रास =६३१ रुपये
सिमेंट = १७२ किलो = १२०४
मजुरी ३५% = ३०५८.७५
टोटल = १५२९३.७५
प्लास्टर खर्च :- प्रमाण :- 1: ३ मोर्टार
वाळू :- (कच ) = ०.१८९ ( ब्रास ) =४१४.४ रु
सिमेंट :- = २७० किलो = १८९० रु
मजुरी :- = २५% = ५३५
टोटल = २९७६.५
कोबा खर्च :- प्रमाण :- 1:२:४
= वाळू = ०.१५२ ब्रास = ३९५.२
= सिमेंट = ३२७.२३ किलो = २२९०.६१
= खडी = ०.३०४ ब्रास = ६९९.२
= मजुरी = २५% = ८४६.1
= टोटल = = ४२३०.५ रु
शेड खर्च :- (कैची )
गोल पाईप = (1 इंच ) = १६५ फुट = ९००० रु
sq. tube = (२*२ इंच ) = १३० फुट = ७१५० रु
जाळी = ११५२ sq. feet = 86 किलो = १४६३० रु
हुक = = ६४ नग = ३२० रु
पत्रे = (६*३.३३ ) = 20 नग = १४४०६ रु
c पाईप = ९ नग = ७२ फुट = १२६०० रु
इतर खर्च = ८ वस्तू = ७००० रु
मजुरी = ३५% = १६१९५ रु
टोटल खर्च = = ८०९७५ रु
जर :- ३२*12 मापाचे पोल्ट्री करण्यास खर्च
बांधकाम खर्च =२२५०० रु
फाय्ब्रीकेषण = ८०९७५ रु
इतर खर्च ( लाईट फिटिंग , प्लंबिंग , =५००० रु
टोटल खर्च = १०८४७५ रु सरासरी :- ११०००० रु
पिंजरा = १०*५ चे ३ बसतील पिंजरे शेड मध्ये ३२*12 च्या बसतील .
३२*12 = ३८४ sq. feet .
तर 1 कोंबडीला जागा ही ६० इंच
तर = ३८४ * 12 = ४६०८ इंच
तर =६० \४६०८
= ७७ पक्षी बसतील .
१२० ग्रम * ३६० = ४३२०० ग्रम ,३६० पक्षान ,1 दिवसाला
कोंबडीचे खाद्य लेयर पक्षी :- १२०ग्रम = १दिवस = 1 पक्षी
१५५५२ किलो खाद्य = १७५० रु = ९० किलो , तर ३५ रु ,1 किलो
३५ रु = १००० ग्रम , =३.५ रु = १०० ग्रम , = ४.२ रु = १२० ग्रम .
1 पक्षी १२० ग्रम खाद्य , 1 पक्षी 1 अंडे
1 अंडे खर्च :- खाद्य = ४.२ ब, मेडीकॅल= ० .२
४.२+ ०.२ = ४.४ खर्च :- 1 अंड्यासाठी =४.५५-४.४ = ०.१५ पैसे नफा 1 अंड्या मागे
अंड्या चा रेट online बगीतला तर ४५५रु , १०० अंडी
1 अंड्याची किंमत ४.५ रु
मेडीसीन :- ब्रोटोन :- 12 दिवस – १मिहिना
१०० ml – ७५० रु
लासोटा = १२० रु + १४४० = २१९० रु .
एकून खर्च :- ८१००० + ५४४३२० + २१९० = ६२७५१० रु
उत्पादन :- ९५% :- ३६० * ९५% \१०० =३४२ अंडी दिवसाला
३२४*३० = १०२६० =अंडी 1 महिन्याला
तर =१०२६०* 12 =१२३१२० अंडी , 12 महिन्याला
१२३१२० * ०.४२ हा online रेट =५१७१० रु फायदा .
३६० पक्षांचा = ५१७१० फायदा \ 12 महिने = ४३०९.२ रु
१२२३ , १२०* ४.८२ =५९३४३८ .४ रु
३६०* १२० = ४३२०० रु
टोटल = ५=६३६६३८ . रु
11]बॉयलर पक्षांचे खाद्य व जागा
जागा :- पूर्ण वाढलेल्या पक्षाला 2 sq. ft. जागा लागते . तसेच 2000 पक्षांना = 4000 sq. ft. शेड लागणार .
पहिल्या दिवसाचा पक्षी बांधलेल्या जागेच्या अर्ध्या भागात ठेवावा .
म्हणजे :- चार आठवड्याच्या पक्षान किवा ३० दिवसाच्य पक्षांना पूर्ण बनवलेल्या जागेत ठेवू शकतात .
कारण :- पक्षी आपली फिरून एनर्जी वाया घालवतो व पक्षांना गर्दी होते किंवा अमोनिया हा रोग होतो त्यामुळे.जागेचा नीट विचार करावा.
ब्रूडिंग :- म्हणजे हिट इनक्युबेटर मधून पक्षी बाहेर आल्यावर 35° c मध्ये ठेवावा कारण इंक्युब्युटर मध्ये 35 डिग्री सेल्सिअस तापमानात असतो.
दुसरा उपाय:- दोनशे व्हॅटचे ब्लफ लावणे जर पक्षांना वीस ते पंचवीस ब्लब लागणार.
पाण्याची भांडी:- 30 पक्षांना एक भांडे पाण्याचे व एक भांडे खाद्याचे लागते
लसीकरण :-
पहिला आठवडा | मारेक्स |
पाचवा दिवस | लासोटा |
तेरावा दिवस | गंबोरा |
एकवीसवा दिवस | लासोटा |
12]सुख्या चाऱ्यावर प्रक्रिया करणे
उद्देश :- सुख्या चाऱ्यावर प्रक्रिया करण्यास शिकणे .
साहित्य :- बादली , कॅरेट , गुळ , पाणी , मीठ , कुट्टि मशीन , वजन काटा , ताडपत्री , सुखा चारा
कृती :- सर्वप्रथम सुखाचारा कुट्टि मशीनने कट करून कुट्टि तयार केली .
त्यानंतर त्याचे वजन केले . व त्यातील 5 kg कुट्टि ताडपत्रीवर अंथरली .
नंतर 5 ltr पाण्यात 200 gm गुळ मिक्स केला . व 1 ltr पाण्यात 200 gm मीठ मिक्स केले .
त्या अंथरलेल्या कुट्टिवर गुळाचे पाणी व मिठाचे पाणी शिंपडले . व तो चारा मिक्स केला .
पुन्हा त्याच प्रक्रियेणे 5 kg कुट्टिवर मिठाचे व गुळाचे पाणी शिंपडले . व ते सर्व व्यवस्थित मिक्स करून ताडपत्री मध्ये बांधून ठेवले .
प्रमाण :- 100 किलो सुखाचारा ला 5 लिटर पाण्यामध्ये 2 किलो गुळ व 1 किलो मीठ टाकून द्रावण तयार करावे
अनुभव :- 1) गाईंना महिन्यातून एकदा तरी गुळ खायला द्यावा
2) गुळाने पचनक्रिया चांगली होते.
. 3)मीठ गाईने मिठाने गाईचे तहान वाढते गाय पाणी जास्त पितात.
. 4)सुखाचाऱ्याचा कसा उपयोग करायचा त्याची प्रक्रिया कशी करायची व करून खायला खाण्यासाठी कसे तयार करायचे ते समजते.
14]शेतातील तण नियंत्रण
उद्देश :- शेतातील तण नियंत्रणाच्या वेगवेगळ्या पद्धतींचा अभ्यास करणे .
व्याख्या :- आपण शेतामद्धे न लावलेले व आपल्याला नको असलेले गवत म्हणजेच तण होय .
साहित्य :-
नुकसान :- किडींचा प्रभाव वाढतो , पिक लागवडीचा खर्च वाढतो , पाणी वायला जाते , हवा खेळती राहत नाही व त्यांमध्ये प्रकाश आणि अन्नद्रव्यांसाठी स्पर्धा होते .
तन नियंत्रण करण्याच्या पद्धती :-
1) भौतिक पद्धत :-
a) जमीन ओली असताना हाताच्या साह्याने गवत उपटून काढणे.
b) खुरप्याच्या साह्याने गवत काढणे.
c) जमिनीची खोल नांगरट करावी.
2) रासायनिक पद्धत :-
A) विशिष्ट रसायनांच्या मदतीने त्यांना आमचे नियंत्रण केले जाते उदाहरणार्थ :- 24d, ग्लायफोसेट.
b) प्रसंगांचा वापर दोन पद्धतीने केला जातो.
1) सिलेक्टिव्ह
2) नॉन- सिलेक्टिव्ह
पेरणीपूर्वी :- उदा :- सोयाबीन शेती करताना पेरणी बरोबर जमिनीत चांगली ओल असताना व्हेअर लॉटे ,trifaulralin. पेरणी च्या फवारले जाते.
कॉन्टॅक्ट : vd साईड ( संपर्कजन्य तन नाशक) :- तन नाशक फवारताना दुसऱ्या झाडावर फवारणी केल्यास ती झाडे किंवा रोपे मारली जातात.
उदा :- प्यारो कोट, डायक्लोराईड.
तणनाशक फवारता ना घ्यायची काळजी :-
1) जमिनीत चांगली ओल असावी.
2) फवारणीचा पंप चांगल्या प्रकारे धुवून घ्यावा.
3) एकाच ठिकाणी जास्त वेळ फवारू नये.
4) तोंडाला मास्क बांधावा.
15]कलम पद्धतीचा अभ्यास करणे
उद्देश :- एखाद्या वाया गेलेल्या झाडाला कलम करण्यास शिकणे.
वनस्पतींना कलम करण्याच्या पद्धती :- 1) पाचर कलम 2) गुट्टी कलम
- पाचर कलम :- आंबा, पेरू व इतर कोणत्याही झाडाला करता येते. या मध्ये एक मूळ असलेले झाड व एक फांदी घ्यायची. दोन्ही फांदयाची पाने काढावी. फांदया समान आकाराच्या असाव्या. पाचर कलम मध्ये एक फांदी सरळ एक भेगीसारखी कापावी. व एक पाचारीच्या आकारासारखी करावी व एकत्र लावून वरून चिकटटेपने पॅक करून घ्यावे. ज्यामुळे त्यात पाणी, हवा जाणार नाही व चिकटटेपच्या वर दोरीने बांधावे. दोन्ही झाडे एकाच फॅमिली ( जात ) असणे आवश्यक आहे.
- गुट्टी कलम :- या कलम मध्ये फांदीची पाने काढून जिथे डोळा आहे. तिथे अर्धा इंचाची गोल साल काढून त्यावर mos ( शेवाळ ) किव्हा सुतळी मोकळी करून व ओली करून बांधावी. वरून प्लास्टिकने पॅक बांधावे. व दोरीने आवळून घ्यावे. त्यामुळे त्याला हवा व पाणी लागणार नाही.
16]शेळीच्या वजणावरून तिचे खादय काढणे.
उद्देश :- शेळीच्या वजणावरून तिचे खादय काढण्यास शिकणे.
खादय :- 1.5 kg सुखाचारा :- 300 gm
DM :- पाण्याचे प्रमाण शून्य
17]प्राण्यांचे तापमान चेक करणे
उद्देश :- प्राण्यांचे तापमान चेक करण्यास शिकणे.
साहित्य :- थर्मामीटर
कोणत्याही प्राण्यांचे body tempretere normal 102° च्या कमी असते. जर 102° पेक्षा जास्त असेल तर त्या प्राण्याला ताप असतो.
ताप आला कि नाही हे आपण प्राणी खात आहे कि नाही यावरूनही पाहू शकतो. आम्ही येथील गाईचे तापमान चेक केले.
- गौरी — 100.6°
- सोनम — 100.9°
- मोठी काळी शेळी — 101.9°
- छोटी काळी शेळी — 102.1°
18]बिजप्रक्रिया करणे
उद्देश :- बिजप्रक्रिया करण्यास शिकणे.
बिजप्रक्रिया म्हणजे बिज लावण्या आधी बियांवर केलेली प्रक्रिया म्हणजे बिज प्रक्रिया होय.
साहित्य :- पाणी, मीठ, बिया, भांडे इ.
कृती :- जसे कि कुठलेही बियाणे घेताना बघून घ्यावी. समजा सोयाबीन बियाणे घेतले तर त्या वरील वजन, किंमत वॅलेडीटी, त्या बीयांची अनुवांशिक शुद्धता कीती टक्के आहे. त्या बियांमधील कीती टक्के बिया उगवतात ते बघणे. व शाररिक शुद्धता किती टक्के बघणे, पॅकेटवर हे लिहले असते. मग त्यावरून समजते कि आपल्या किती बिया उगवतात. लावल्यावर तेवढ्या बिया नाही उगावल्या तर त्या परत करता येते. कंपनीला Complete करता येते.
भौतिक पद्धत :- म्हणजे केमिकल वापरलेले बी होय.
30 gm मीठ 1 लिटर पाण्यात या प्रमाणे 300 gm मीठ 10 लिटर पाण्यात द्रावण तयार करून घेणे तयार केलेल्या द्रावनात बियाणे 8-10 मिनिटे बुडवून ठेवावे बियाणे ढवळावे वरखाली
टीप :- पाण्याचे वरती तरंगलेले बिया खराब असते जसे कीड लागले, अर्ध तुटलेले, वजन कमी असलेले ते बाजूला काढावे ते बी उगवत नाही.
अरबट हा रोग असतो तर ज्वारी व बाजरी बियानात ही प्रक्रिया केली जाते.
19]बियाणांची उगवण क्षमता
उद्देश :- बिया उगवण्याच्या क्षमता बघण्यास शिकणे.
साहित्य :- पाणी, बिया, वाटी
कृती :-
- सर्वप्रथम साहित्य गोळा केले.
- प्रॅक्टिकलसाठी आम्ही शिल्लक राहिलेले धन्याच्या बिया घेण्यास ठरवले व आणले.
- कळण्यासाठी 2 पद्धती मधला फरक आम्ही 100 बिया एका प्लेटमध्ये घेतल्या व 100 बिया बुडतील एवढ्या पाण्यात वाटीमध्ये ठेवल्या.
- व त्या बिया 3 तास भिजवत ठेवल्या.
- त्यामधील चांगले बी तरंगले nahi
- व खराब बी तरंगायला लागले.
- त्यावरून समजले कि बिया उगवतील.
- व त्यावरून त्यांची उगवण्याची क्षमता समजली.
उगवण्याची क्षमता :-
सूत्र = उगवणे क्षमता = मोड आलेले बिया ÷ एकूण बिया × 100
अनुभव :- यामध्ये बिया उगवण्याची क्षमता समजते व त्यावरून आपल्या किती बिया उगवणार हे समजते. त्यावरून शेतकऱ्यालाही नुकसान होऊ नये असा एक फायदाही आहे. हा या साठी समजा आपण पॅकेट घेतल्यावर आपण त्याचे वाचन करता किव्हा ज्याला इंग्रजी वाचता येत nasel तर त्यांनी बिया किती उगवणार हे बघण्यासाठी साधा घरगुती उपाय आहे. त्यामुळे बियाणे पॅकेट वर दिलेल्या बिया उगवण्याच्या क्षमतेनुसार तेवढ्या बियाने उगवली नाहीतर ते पॅकेट कंपनी परत करून आपल्याला आपले दुसरे बियाणे बदलून मिळते.
20]कीड लागलेल्या झाडांच्या पानांचे नमुने गोळा करणे
उद्देश :- पानांवरच्या किडी ओळखण्यास शिकणे.
वांगी :- लक्षण — फळाला होल पडले आहे, फळ कापल्यावर अळी दिसत आहे.
किड :- फळ पोखरणारी अळी
यासाठी आम्ही पेरूची, मिरची, वांगी, मका, चवळी, पालक, यांचे नमुने आणून बघितले व त्यावरच्या अळी व रोग पहिले.
पान पालक :- पानावर पांढरे चट्टे व खडबडीत होते. म्हणजे या पानावर रस शोषण करणाऱ्या अळी होत्या.
rs शोषण करणाऱ्या किडी :- या प्रकारच्या किडी पानांवर बसून मधील रस शोसून घेतात. रस शोषलेला भाग खडबडीत किव्हा चेहऱ्यावर घामोळ्या आल्यासारख्या दिसतो. उदा., तुडतुडे, मावा, पांढरी माशी, कोळी
- पेरूची पान :- चांगले पाने ही दोन्ही साईडून प्लेन दिसले व खडबडीत नव्हते. खराब पाने त्यावर दोन्ही साईडून खडबडीत होते व पांढरे टिपके होते त्या पांढऱ्या ठिपक्यांना लोकरी मावा रोग म्हणतात. त्या पानांना हा रोग झाला होता.
- सुभाबळ :- ही पाने मागे चिकट झाली होती यात चिकट साधा मावा हा रस शोषणारी किड होती त्यावर ही अळी होती.
अनुभव :- पांनावरील किडी ओळखण्यास व त्यावरील रोग ओळखण्यास शिकलो. या किडी पांनावर होल पाडतात. व फळांवर सुद्धा पांढरे व काळे ठिपके असले तर मावा रोग असतो.