मुलंगा पत्ता
विज्ञान आश्रम ,पाबळ
DBRT:-२०१९
विभाग का नाम :- फूड लॅब
प्रोजेक्ट का नाम :- मुलांगा का पत्ता सुखाना .
विध्यार्थी का नाम ;- बामन राम ताती.
प्रोजेक्ट सुरु करणे कि दिनांक ;- १२/९/२१९ .
मार्गदर्शक शिक्षिका :- रेश्मा मॅम..
aक्रमणिका
अनु कार्मांक | मुद्दे का नाम | पन्ना नंबर . |
1) | प्रस्तावना:-
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2) | पोषक तत्व :-
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3) | बाहरी कड़ियाँ :-
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4) | सहजन की कच्ची पत्तियों में पोषक मूल्य |
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5) | मुलांगा का पत्ता शुखाना
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5 |
6) | मुलांगा पत्ता सुख ने के लिये आयी हुई कॉस्टिंग
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7) | प्रोजेक्ट के छायाचित्र | 7 |
प्रस्तावना:-
सहजन (Drumstick tree ; वानस्पतिक नाम : “मोरिंगा ओलिफेरा” (Moringa oleifera) ) एक बहु उपयोगी पेड़ है। इसे हिन्दी में सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है। इस पेड़ के विभिन्न भाग अनेकानेक पोषक तत्वों से भरपूर पाये गये हैं इसलिये इसके विभिन्न भागों का विविध प्रकार से उपयोग किया जाता है।
उपयोग :- मुलंगा पत्तियों और फली की सब्जी बनती है। इसका उपयोग जल को स्वच्छ करने के लिये तथा हाथ की सफाई के लिये भी उपयोग किया जा सकता है। इसका कभी-कभी जड़ी-बूटियों में भी उपयोग होता है।[1]
पोषक तत्व :-
सहजन के लगभग सभी अंग (पत्ती, फूल, फल, बीज, डाली, छाल, जड़ें, बीज से प्राप्त तेल आदि) खाये जाते हैं।
- एशिया और अफ्रीका में कच्ची फलियाँ (ड्रम स्टिक) खायी जाती हैं।
- कम्बोडिया, फिलीपाइन्स, दक्षिणीभारत, श्री लंका और अफ्रीका में पत्तियाँ खायी जाती हैं।
विश्व के कुछ भागों में नयी फलियाँ खाने की परम्परा है[2] जबकि दूसरे भागों में पत्तियाँ अधिक पसन्द की जातीं हैं। इसके फूलों को पकाकर खाया जायता है और इनका स्वाद खुम्भी (मशरूम) जैसा बताया जाता है। अनेक देशों में इसकी छाल, रस, पत्तियों, बीजों, तेल, और फूलों से पारम्परिक दवाएँ बनायी जाती है। जमैका में इसके रस से नीली डाई (रंजक) के रूप में उपयोग किया जाता है।
बाहरी कड़ियाँ :-
- मुनगा(मध्य भारत के सगंधीय एवं औषधीय पादप)
- भली फली सहजन(अभिव्यक्ति)
- सहजन की चटनी-अचार से बीमारी होती है दूर(वेब दुनिया)
- सहजन के सेवन से रुकता है बालों का झड़ना(जागरण)
- भली फली सहजन(अभिव्यक्ति)
- मुलांगा का पत्ता शुखाना :-
हमने मुलांगा का पत्ता वजन करके .पाणी मै से धोके लिया .
उसको डोम ड्रायर मै सुखाने के लिये २४ घंटे रखा था .
डोम ड्रायर का तापमान ३५ अंश डिग्री सेल्सिअस था
मुलांगा का पत्ता सुख्ने के बाद उसको साफ करके बारीक पीस लिया
बारीक पावडर करेक उसको पाकिंग करके खाणे के लिये रखा
.
- मुलांगा पत्ता सुख ने के लिये आयी हुई कॉस्टिंग :-
अनु क्रमांक | मटेरीअल का नाम | प्रमाण | दर | किंमत |
1 | मुलांगा का पत्ता २ kg | २ kg | २५ | ५० /- |
2 | प्याकिंग बॅग | १० | १ | १० /- |
3 | लेबल | १० | ०.५० | ५ /- |
4 | लाईट बिल | २४ घंटे ६ युनिट | १ युनिट ६ रुपया | ३६ /- |
5 | मजुरी | २५% | – | २५.२५/- |
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7 | कुल खर्च :- | १२६.२५/- |
- प्रोजेक्ट के छायाचित्र :-
मुलांगा पत्ता शुखाया हुवा मुलांगा पत्ता
मुलांगा पत्ता के पावडर मुलांगा पत्ता के पावडर प्याकिंग
डोम ड्रायर
- सहजन की कच्ची पत्तियों में
पोषक मूल्य :-
सहजन की कच्ची पत्तियों में पोषक मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस) |
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उर्जा 0 किलो कैलोरी 0 kJ | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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मुलंगा पत्ते का उपयोग
- मुलंगा पत्ते का उपयोग हम पराठा सब्जियों और सूजी के नाश्ते में लगाया जाता है।
- मुलंगा के पत्ते को चुकाकर हमने उसका चिकने पिछकर पॉकिट में पैक करके बेसना।